उत्तर प्रदेश में आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे के बनने से आम जनता से लेकर व्यापारी और सेना को भी फायदा मिलेगा। जहां पहले एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने में घंटों लग जाते थे, वहीं अब उनके समय के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही जहां पहले इन जिलों की रामपुर से कनेक्टिविटी कम थी, वहीं अब इस एक्सप्रेसवे के बनने से आना-जाना और भी आसान हो जाएगा। जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे कई जिलों को जोड़ेगा, जिससे कनेक्टिविटी के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी कई शहरों को बढ़ावा मिलेगा। इससे आगरा और बरेली के बीच का सफर कम समय में पूरा होगा। बता दें कि रामपुर, आगरा और बरेली के बीच है इस कारण इसे भी फायदा पहुंचाएगा।
रामपुर को क्या मिलेगा फायदा?
इस एक्सप्रेसवे के बनने से रामपुर के न केवल स्थानीय लोगों को यातायात की सुविधा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा। इस नए मार्ग से युवाओं को रोजगार मिलेगा। पिछड़े इलाकों को आधुनिक सड़क नेटवर्क से जोड़ने की दिशा मिलेगी। इससे राज्य ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कौन-कौन से जिले होंगे कनेक्ट?
इस कॉरिडोर के बनने के बाद प्रदेश में आगरा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, बदायूं और बरेली जैसे कई जिलों को फायदा मिलेगा। जहां अभी आगरा से बरेली जाने में लगभग 5 घंटे से भी ज्यादा लग जाते हैं। वहीं, इस कॉरिडोर के तैयार होते ही ये सफर लगभग ढाई घंटे में पूरा होगा। दूरी कम होने के कारण समय के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 228 किलोमीटर लंबा और 4 लेन वाला होगा।
4 भागों में बांटा गया प्रोजेक्ट
आगरा-बरेली कॉरिडोर परियोजना को 4 भागों में बांटा गया है-
1. पहला 66 किमी लंबा मथुरा से हाथरस, जो पीएनसी कंपनी को दिया गया है।
2. दूसरा 57 किमी लंबा हाथरस से कासगंज, जो जीआर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के पास है।
3. तीसरा 46 किमी लंबा कासगंज से बदायूं तक, जिसे जीआर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।
4. चौथा 59 किमी लंबाई वाला बदायूं से बरेली, जिसे धारीवाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।