MP Congress: मध्य प्रदेश में चुनावी जमावट शुरू हो गई है। नेताओं में भी दलबदल की शुरुआत हो गई है। ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया है। जिससे प्रदेश के सियासी गलियारों में गर्माहट बढ़ गई है।
पूर्व विधायक BSP में शामिल
ग्वालियर चंबल अंचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया ने बीएसपी में घर वापसी की है। बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने ग्वालियर स्थित संभागीय कार्यालय में बलवीर दंडोतिया को बीएसपी का अंग वस्त्र पहनाकर पार्टी की विधिवत सदस्यता दिलाई। जिसके बाद वह एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस पर साधा निशाना
बीएसपी में घर वापसी करने के बाद बलवीर दंडोतिया का कहना है कि 2019 में उन्हें कुछ कोंग्रेसियो ने उन्हें बरगलाया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी। लेकिन पार्टी के अंदर कोई आंतरिक लोकतंत्र और कार्यप्रणाली नहीं है। वहां पार्टी के किसी भी सदस्य की कोई सुनने वाला भी नहीं है यही वजह है कि उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए बीएसपी में घर वापसी की है। वही बीएससी में उनकी वापसी पर अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल का कहना है कि बलवीर दंडोतिया बीएसपी परिवार के पुराने सदस्य हैं, उनसे जो गलती हुई उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार किया और वापस अपने घर में लौट कर आए हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसका पालन करेंगे।
BSP से चुने गए थे विधायक
गौरतलब है कि बलवीर दंडोतिया साल 2013 के विधानसभा चुनाव में BSP के टिकट पर मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा से वह चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके अलावा उन्होंने 2009 में BSP के टिकिट पर मुरैना-श्योपुर सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। इसके अलावा 2018 में भी वह BSP के टिकिट पर मुरैना विधानसभा से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार मिलने के बाद वह 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लेकिन पार्टी के आंतरिक हालातो को खराब बताते हुए उन्होंने BSP में घर वापसी की है।
2023 में भी लड़ सकते हैं चुनाव
बलवीर दंडोतिया का कहना है कि दिमनी विधानसभा से 2023 के लिए उनकी पूरी तैयारी है, यदि बसपा सुप्रीमो बहन मायावती उनको मौका देंगी तो वह चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी। बहरहाल देखना होगा कि बलवीर दंडोतिया की बीएससी में घर वापसी के बाद भाजपा और कांग्रेस के लिए अंचल में किस तरह से सियासी समीकरण प्रभावित होंगे। क्योंकि कांग्रेस से 2018 में चुनाव जीते गिर्राज दंडोतिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन उप चुनाव में कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में 2023 में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के समीकरण बन रहे हैं।