World’s Richest Dog : क्या आपने किसी करोड़पति कुत्ते के बारे में सुना है? शायद ये सुनकर आपको भी हैरान हो जाएं कि एक कुत्ता कैसे करोड़पति हो सकता है लेकिन यकीन मानिए एक कुत्ता है, जिसकी कुल संपत्ति तीन हजार करोड़ से भी अधिक है। ये कुत्ता अकेला करोड़पति नहीं है बल्कि ये करोड़पति कुत्ते का वंशज है। इस कुत्ते के पास एक बंगला है, जिसकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपये से भी अधिक है।
अमेरिका की एक महिला थी, जिसका नाम काउंटेस कोर्लोटा लिबेनस्टीन। इस महिला का दुनिया में कोई नहीं था। ना परिवार और ना ही कोई रिश्तेदार। मरने से पहले इस महिला ने अपनी सारी जायदाद अपने कुत्ते के नाम कर दी थी। साल 1992 में गंथर III नाम के जर्मन शेफर्ड कुत्ते को मालकिन ने 430 की संपत्ति का मालिक बनाया था और आज इस कुत्ते का वंशज गंथर VI आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक है।
आलिशान जिंदगी जीता है गंथर VI
गंथर VI एक बड़े महल में रहता है और एक आलिशान जिंदगी जीता है। गंथर VI, गंथर III का ही वंशज है। इस कुत्ते की देखभाल के लिए कई नौकर हैं। जिस घर में ये रहता है कि उस घर में इसके लिए एक स्विंमिंग पूल भी है। इतना ही नहीं, उसके पास दुनिया भर में संपत्तियां हैं, वह निजी नौकाओं का भी आनंद लेता है।
यह भी पढ़ें : फ्लाइट से भी अधिक ट्रेन का किराया देख चौंक गए लोग! वायरल हो रहा है पोस्ट
कैसे मैनेज होती है इसकी संपत्ति?
दिमाग में सवाल जरूर आया होगा कि ये कुत्ता अपनी इस संपत्ति को कैसे मैनेज करता होगा।। आपको बता दें कि गंथर की संपत्ति की देखभाल करने के लिए एक ट्रस्ट बनाया गया है, जिसमें इंसान ही हैं। इन लोगों का काम ये है कि उसकी संपत्ति की देखभाल करें और ये तय करें कि उसकी संपत्ति लगातार बढ़ती रहे। इसके लिए वे गंथर के पैसे को जगह-जगह निवेश करते हैं, यही वजह है कि आज ये 3500 करोड़ से अधिक का मालिक बन चुका है।
यह भी पढ़ें : फ्लाइट से भी अधिक ट्रेन का किराया देख चौंक गए लोग! वायरल हो रहा है पोस्ट
जानकारी के मुताबिक, इस वक्त गंथर इटली के टस्कनी में रहता है। वह कन्वर्टिबल BMW से चलता है और टस्कन के ग्रामीण क्षेत्रों में उसे घूमन बेहद पसंद है। बताया जाता है कि एक बार एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के दौरान गंथर कार की आगे की सीट पर बैठा था, जिसके बाद उस पर जुर्माना लगाया गया था। वहीं गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की तरफ से साल 1999 में कहा गया कि गंथर की संपत्ति को आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड खिताब के रूप में मान्यता देने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे।