Uttar Pradesh five doctors found guilty: डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है लेकिन इन्हीं डॉक्टरों की लापरवाही से कई लोगों की जान चली जाती है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक महिला का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने ऐसी लापरवाही बरती की कि उसकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर शिकायत की गई और जांच बैठाई गई। अब चौंकाने वाली जांच रिपोर्ट सामने आई है। पांच डॉक्टर इस मामले में दोषी पाए गए हैं।
पिछले साल 5 दिसंबर को एक महिला की मौत हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान पेट में सर्जिकल स्पंज छूट जाने के कारण हुई थी। मामला पीलीभीत शहर के पास मिश्राइन गौटिया गांव की रहने वाली खिलावती शंकर की मौत का है। पहली बार ऑपरेशन हुआ और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन घर जाने के बाद उनके पेट में सूजन बढ़ने लगी और असहनीय दर्द होने लगा। दरअसल 7 जुलाई को गर्भाशय से रक्तस्राव के बाद एक निजी अस्पताल में महिला को भर्ती करवाया गया था।
अल्ट्रासाउंड में मिला मवाद और सूजन
डॉक्टर ने उसी दिन गर्भाशय को निकाल दिया। 23 जुलाई को एक रिपोर्ट के साथ छुट्टी दे दी गई जिसमें कहा गया कि अब कोई समस्या नहीं है लेकिन कुछ ही दिन बाद महिला को तकलीफ होने लगी। परिजनों ने बार-बार इसकी जानकारी डॉक्टर को दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। असहनीय दर्द के बाद 14 नवंबर को जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। अल्ट्रासाउंड में अधिक मवाद और सूजन का पता चला। इसे 16 नवंबर को सर्जरी के जरिए निकाल दिया गया लेकिन इसके बाद भी महिला का दर्द खत्म नहीं हुआ।
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दो बार हुआ ऑपरेशन, फिर महिला की हुई थी मौत
बाद में सीटी स्कैन में पता चला कि उसके पेट स्पंज मौजूद है लेकिन यह जानकारी छुपा ली गई और खराब स्थिति के बाद भी 26 नवंबर को छुट्टी दे दी गई। 1 दिसंबर को परिजन महिला को लेकर बरेली के एक अन्य निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने स्पंज देखकर ऑपरेशन करने की बात कही। इसे निकालने के लिए 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो सर्जरी की गईं लेकिन दूसरे ऑपरेशन के कुछ ही देर बाद महिला की मौत हो गई।
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इस मामले को लेकर डॉक्टर के रवैये पर सवाल उठा था और लापरवाही के गंभीर आरोप लगे थे। जिलाधिकारी ने मामले की जांच का आदेश दिया गया। अब जो रिपोर्ट आई है उसमें सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने डॉक्टरों को लापरवाही, महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। रिपोर्ट में कहा गया कि गलती करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासनिक और दंडात्मक कार्रवाई को लेकर एडीएम (वित्त और राजस्व) को रिपोर्ट भेज दी गई है। दोषी पाए गए डॉक्टरों में जनरल सर्जरी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. रुचिता बोरा, सीनियर रेजिडेंट डॉ. सैफ अली और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा गंगवार के साथ ही दो निजी डॉक्टरों, डॉ. रामबेटी चौहान और डॉ. हिमांक माहेश्वरी को दोषी पाया गया है।