Indian Truck : आपने देखा कि भारत में चलने वाले ट्रकों को खूब सजाया जाता है। आगे से लेकर पीछे तक तरह-तरह के सजावटी सामान लगे होते हैं। कुछ लोग ट्रक के पीछे जूता लटकाते हैं तो कुछ पहियों के पास रबड़ चिपाकते हैं। क्या आपको पता है कि ट्रक के पहियों के पास ये रबड़ क्यों लगाए जाते हैं? क्या इनका कुछ काम भी होता है?
ट्रक ड्राइवर अपने ट्रक को किसी दुल्हन की सजाते हैं। तरह-तरह की झालर लगाते हैं और रंग बिरंगे बल्ब लगाते हैं। महीनों तक ड्राइवर ट्रक को ही अपना घर मानकर उसी पर रहते हैं। ट्रक ड्राईवर के लिए ना सिर्फ रोजी और रोजगार होते हैं बल्कि अस्थायी घर भी होते हैं। ट्रक को बुरी नजर ना लगे इसके लिए वे पीछे की ओर चप्पल लटकाते हैं।
सभी पहियों के पास लटकते हैं ये रबर
अगर आप कभी ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा कि ट्रक के लगभग सभी पहियों के पास में रबड़ की पट्टियां लटकती रहती हैं। कई पट्टियों का एक गुच्छा बनाकर उन्हें ट्रक के पास लटकाया जाता है। वैसे इन पट्टियों का कोई खास मतलब नहीं होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? दरअसल इसके पीछे तकनीकी कारण नहीं माना जाता।
कहा जाता है कि ऐसा सिर्फ इसलिए होता है ताकि ट्रक के पहिये साफ रहें। जब चलते ट्रक के पहियों पर धूल, मिट्टी आदि जम जाते हैं तो ये रबड़ की पट्टियां पहियों से टकराती रहती हैं और धूल साफ होती रहती है। इसके अलावा ट्रक का लुक भी अच्छा लगता है। यही वजह है कि ट्रक में पहियों के पास रबड़ की पट्टी लगाई जाती है।
ट्रकों के पीछे लिखे होते हैं मजेदार स्लोगन
आपने देखा होगा कि ट्रकों के पीछे कई तरह की शायरी या नारे लिखे होते हैं। इन नारों का ट्रेंड भी समय समय पर बदलता रहता है। कोरोना आने के बाद ट्रक के पीछे ‘टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगे, लापरवाही करोगे तो हरिद्वार में मिलेंगे’ लिखा हुआ मिला। इसके साथ ‘देखो मगर प्यार से, कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से’, ‘बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला, अच्छा होता है, वैक्सीन लगवाने वाला’ जैसे नारे में पढ़ने को मिले थे।