आदमी साधन संपन्न है। खेती करने के लिए-भोजन पकाने के लिए हथि दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके दुनिया की आधे से ज्यादा आबादी मांसाहार कर रही है। हालांकि आलोचना भी कुछ कम नहीं हो रही, लेकिन फिर भी न जानें क्यों मांसाहार से लोग किनारा नहीं कर रहे। हाल ही में जीव-जंतुओं की रक्षा के लिए काम कर रही सामाजिक सरोकारी संस्था पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने एक आर्टवर्क के जरिये दुनिया को बहुत बड़ा मैसेज दिया है। इस आर्टवर्क में देखा जा सकता है कि बहुत से टर्कीज (एक विशेष किस्म का पक्षी) एक डायनिंग टेबल के इर्द-गिर्द बैठे हैं और टेबल पर सलाद के बीच इंसान का भुना हुआ मांस रखा है।
अमेरिका और कनाडा के थैंक्सगिविंग फेस्टीवल में खूब होता है टर्की का भक्षण
बता देना जरूरी है कि अमेरिका और कनाडा में थैंक्सगिविंग दुनिया में सबसे लोकप्रिय फेस्टीवल है और इस फेस्टीवल पर टर्की सबसे लोकप्रिय पारंपरिक खाद्य पदार्थ है। प्राकृतिक रूप में या पकाकर दोनों ही तरह से लोग इस पक्षी का भक्षण करते हैं। हाल के दिनों में बढ़ते शाकाहार और पशु अधिकार आंदोलनों के कारण टर्की का सेवन करने वालों की खासी आलोचना हो रही है। इन आलोचकों में से एक नाम पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) का भी है। थैंक्सगिविंग 2023 के चलते लोगों को मांसाहार छोड़ शाकाहार की दिशा में जागरूक करने की कोशिशों में संस्था ने एक अपरंपरागत चित्रण सोशल मीडिया के जरिये किया है।
We’re lucky turkeys would never do this to us—you don’t have to do it to them, either.
Art by @freebison pic.twitter.com/StSJlbxgte
---विज्ञापन---— PETA (@peta) November 22, 2023
उसी तरीके से मैसेज दिया है PETA ने
‘X’ पर शेयर इस पोस्ट को अब तक लगभग 48 मिलियन बार देखा जा चुका है। इसने ऑनलाइन विवाद को भी जन्म दिया है, जिसमें यह कहने के लिए आलोचना हुई है कि टर्की इंसानों को खा जाएंगे। दरअसल, इसमें टर्की के एक परिवार को रात के खाने के लिए रखी गई मेज के चारों ओर एकदम भूखे इंसानों की तरह बैठे देखा जा सकता है। इन टर्की को उनके चेहरे की विशेषताओं को बरकरार रखते हुए कपड़े भी पहनाए गए हैं। इनके बीच में टेबल पर सलाद से भरे एक थाल में भुना हुआ इंसानी मांस एकदम वैसे ही दिखाने की कोशिश की गई है, जैसे कि बीते दिनों थैंक्सगिविंग सेलिब्रेशन में इंसानों के बीच टर्की का मांस होता है।
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आप देख सकते हैं कि इस पोस्ट के कैप्शन में PETA ने लिखा है, ‘हम भाग्यशाली हैं कि टर्की हमारे साथ ऐसा कभी नहीं करेंगे, आपको भी उनके साथ ऐसा करने की जरूरत नहीं है’। एक सामुदायिक नोट भी इस पोस्ट में जोड़ा गया है। इसमें लिखा है, ‘टर्की शाकाहारी नहीं हैं। ये चूहे, छिपकली, मेंढक और लगभग हर वो चीज खाते हैं, जो उनके मुंह में आ सकती है। अगर टर्की बड़े होते या उनके पास खेती करने और मनुष्यों को खाने के लिए तकनीकी साधन होते तो शायद वो भी वैसा ही करेंगे’।