Lakshadweep Islands : मालदीव और भारत के बीच तनाव पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और पर्यटन को बढ़ावा देने की बात की, इससे मालदीव के कई नेता भड़क गए और पीएम मोदी पर टिप्पणी की। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव है लेकिन क्या आपको पता है कि जिस लक्षद्वीप की वजह से आज दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, कभी पाकिस्तान इसे कब्जाने के लिए दौड़ा आया था लेकिन ‘लौह पुरुष’ की चाल के आगे वह पस्त होकर वापस भाग गया था ?
बहुत कम लोग ही जानते हैं कि लक्षद्वीप को लैकाडिव भी कहा जाता है, 36-द्वीप द्वीपसमूह में लक्षद्वीप के पास मात्र 32.69 वर्ग किमी भूमि है। लेकिन प्राकृतिक सुंदरता और स्ट्रेटेजिक पोजीशन की वजह से लक्षद्वीप काफी महत्वपूर्ण है। जब भारत आजाद हुआ तो लक्षद्वीप को लेकर स्थिति साफ नहीं थी कि वह भारत के साथ रहेगा या पाकिस्तान के साथ!
लक्षद्वीप मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, यही वजह बताकर पाकिस्तान के मोहम्मद अली जिन्नाह इस पर कब्जा करना चाहते थे। आजादी के एक महीने बाद ही पाकिस्तान ने एक जहाज लक्षद्वीप की तरफ रवाना कर दिया। इसी बीच तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का ध्यान लक्षद्वीप की तरफ गया। उन्होंने तुरंत दक्षिणी रियासत के मुदालियर भाइयों को लक्षद्वीप पहुंचने के लिए कहा। रामास्वामी और लक्ष्मणस्वामी मुदालियर लक्षद्वीप के लिए रवाना हो गए।
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पाकिस्तान का जहाज जब लक्षद्वीप पहुंचा तो देखा कि लक्षद्वीप पर पहले से ही तिरंगा फहरा रहा है। दरअसल रामास्वामी और लक्ष्मणस्वामी मुदालियर पाकिस्तान का जहाज पहुंचने से पहले ही वहां पहुंच गए थे और वहां तिरंगा लहरा दिया था। तिरंगा देखते ही पाकिस्तान की जहाज ने अपनी दिशा को बदल लिया और उलटे पांव वापस पाकिस्तान चला गया था।
And those early morning walks along the pristine beaches were also moments of pure bliss. pic.twitter.com/soQEIHBRKj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
लक्षद्वीप कुल 36 द्वीपों को मिलाकर बना द्वीप-समूह है। इनमें से 10 द्वीपों पर ही आबादी रहती है, जबकि भारतीय पर्यटकों को भी सिर्फ 6 द्वीपों पर ही जाने की इजाजत है। विदेशी पर्यटक सिर्फ दो द्वीप पर जा सकते है।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है लक्षद्वीप?
1982 में यूनाइटेड नेशंस लॉ ऑफ सी कन्वेंशन ने एक कानून बनाया, जिसके तहत किसी भी देश का तट से 12 नॉटिकल माइल्स यानी 22KM तक अधिकार होगा। ऐसे में भले लक्षद्वीप 32 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हो लेकिन इसके कारण भारत को समुद्र के 20000 स्क्वायर किलोमीटर का क्षेत्र मिलता है।