Fact About Blue Eyes: क्या आपको पता है कि दुनिया में आठ प्रतिशत लोगों की आंखें नीली हैं। नीली आँखों के पीछे का कारण आपको पता है? इससे जुड़े कई दावे और रिसर्च पर चर्चा होती है। ऐसे ही कुछ संभावित कारणों पर आज हम बात करने जा रहे हैं। कहा जाता है कि लगभग 10,000 साल पहले काला सागर के पास एक जेनेटिक म्युटेशन के बाद नीली आंखों वाले लोगों की शुरुआत हुई।
ऐसे भूरी से नीली हो गई आंख
जेनेटिक म्युटेशन से आंखों को रंग देने वाले OCA2 जीन में परिवर्तन आया और फिर आंख भूरी से नीली हो गई। इस तरह नीली आंखों वाले लोगों का अस्तित्व सामने आया। धीरे-धीरे यह जेनेटिक म्युटेशन लोगों के बीच फैलता गया और यह पूरी दुनिया में फ़ैल गया।
ऐसा कहा जाता है कि काला सागर के पास रहने वाले लोगों की आंखों में जब यह परिवर्तन हुआ होगा तो कुछ लोग एक जगह से दूसरी जगह गए होंगे, जिससे धीरे-धीरे नीली आंखों वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई। माना जाता है कि उजाले वाली जगहों पर नीली आंखों वाले व्यक्तियों को देखने में आसानी होती है, जिससे उनके अधिक जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
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बताया जाता है कि इंसानों के एक जगह से दूसरी जगह जाने से नीली आंख वालों लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। जैसे जैसे नीली आंखों वाले लोग दूसरी जगहों पर गए, अन्य लोगों के मिलने-जुलने या संबंध बनाने से नीली आंखों वाले लोगों की संख्या पूरी दुनिया में फैल गई। सूरज की रोशनी के जोखिम और जलवायु के कारण भी नीली आंखों के प्रसार पर प्रभाव पड़ा होगा। कम सूर्य प्रकाश वाले क्षेत्रों में आइरिस में मेलेनिन के कम स्तर के कारण नीली आंख के बचाव और रखरखाव में आसानी हुई होगी।
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कहा तो ये भी जाता है कि नीली आंख वाले लोग आपस में रिश्तेदार भी हो सकते हैं। बता दें कि आंखों का रंग जीन से प्रभावित होता है। आंखों का रंग असल में हमारे पुतली में मेलानिन की मात्रा के मुताबिक तय होता है। जेनेटिक म्युटेशन के कारण कुछ लोगों की आंख नीली हो गई। वैसे नीली आंख वाले लोगों को खूबसूरत माना जाता है ।