Venice, Italy: वेनिस घूमने के लिए एक अच्छा विकल्प है और हर साल वहां हजारों लोग आते हैं, जो शहर की शानदार वास्तुकला , गोंडोला राइड और नहरों के दिवाने है। हालांकि इसके अलावा इस शहर में एक बड़ी समस्या है, जिससे पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ती है, वो हैं शहर के जेबकतरे। इससे केवल पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी परेशान है, ऐसे में एक 58 वर्षीय महिला ने जेबकतरों के खिलाफ पर्यटकों को सचेत करने का बीड़ा उठाया है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
जेबकतरों से सावधान
हम पेरिस में रहने वाली मोनिका पोली की बात कर रहे हैं, जो लोगों को जेबकतरों से सावधान करती है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया ही हाल ही में वेनिस के रियाल्टो ब्रिज के पास अपनी गश्त के दौरान जब उन्हें भीड़ में लगा की तीन जेबकतरे आसपास है तो उन्होंने चिल्लाकर उनको चेतावनी दी। इसके लिए मोनिका पोली ने अपने खास चेतावनी वाक्यांश, अटेन्जियोन, पिकपॉकेट! का इस्तेमाल किया। वो भीड़भाड़ वाली सड़कों पर चोरों के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए इतालवी, अंग्रेजी और स्पेनिश में ये वाक्यांश जोर से चिल्लाती है।
कई लोगों की हुई मदद
पोली के कामों ने कई लोगों को जेबकतरों से बचाया और लोगों ने उनकी पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। फ्रांस से आए एक पर्यटक ने कहा कि मैं उनके काम और पर्यटकों को दी जाने वाली मदद के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। ये जेबकतरे एक वास्तविक समस्या हैं। वह स्वयंसेवी समूह सिट्टाडिनी नॉन डिस्ट्रेटी (अनडिस्ट्रेक्टेड सिटिजन्स) की सदस्य हैं और जेबकतरों को खोजने के लिए वेनिस की सड़कों पर गश्त करने में अपना समय बिताती हैं।
2023 में, उनके प्रयासों ने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया जब पोली ने सोशल मीडिया पर अपना पहला वीडियो साझा किया। इसे Tik Tok पर कई लाइक और व्यू मिले और वह इंटरनेट पर प्रसिद्ध हो गईं। उनकी चेतावनी, ‘अटेन्जियोन पिकपॉकेट, अटेन्जियोन बोरसेगिएटोरी, का इस्तेमाल कि गानों में रीमिक्स भी किया गया है।
CNN ने इटली के आंतरिक मंत्रालय की सितंबर 2024 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चोरी की घटनाओं में 2021 से वृद्धि हुई है, जिसमें 2023 में एक दशक में सबसे अधिक संख्या देखी गई। ट्रेन चोरी की घटनाओं में पूरे देश में 21% की वृद्धि हुई है, लेकिन अकेले वेनिस में 38.8% की वृद्धि हुई है। इसका सबसे ज्यादा शिकार विदेशी आगंतुक हैं, जो वेनिस की मेट्रो में 94%, ट्रेनों में 81% और बसों में 78% लूट का शिकार हुए हैं।
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