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होली मनाने वृंदावन आएं तो इस मंदिर में भी जाएं, मिलेगा श्रीकृष्ण का ‘प्रेम’, गोपियों की लीला

Prem Mandir Vrindavan: प्रेम मंदिर में होली खेलने के लिए लोग देश से ही नहीं विदेश से भी यहां आते हैं। यहां रंगों के साथ-साथ फूलों से भी होली खेली जाती है। आज हम आपको इसी मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।

Edited By : Nidhi Jain | Mar 15, 2024 08:00
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Prem Mandir Vrindavan

Prem Mandir Vrindavan: हिंदू धर्म के लोगों के लिए होली का पर्व बहुत खास होता है। इस दिन लोग आपसी बैर भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाते हैं। हालांकि होली के दिन जो रौनक घरों में दिखाई देती है। वैसा ही उत्साह हिंदू मंदिरों में भी देखने को मिलता है।

होली के त्योहार के दिन श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में भी अलग रौनक होती है। यहां के प्रत्येक मंदिर को फूलों के साथ-साथ लाइटों से सजाया जाता है। आज हम आपको मथुरा के एक ऐसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां जाकर आपको प्रेम का अहसास होगा। इसके अलावा अगर इस बार होली के दिन आप यहां जाते हैं, तो आप यहां रंगों के साथ-साथ भक्ति में भी लीन हो जाएंगे।

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प्रेम मंदिर के बारे में क्या खास है?

उत्तर प्रदेश में मौजूद वृंदावन के मथुरा जिले में प्रेम मंदिर है। यह मंदिर श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर को राधा रानी और श्रीकृष्ण के अटूट प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए इसे ‘प्रेम मंदिर’ कहा जाता है।

इस मंदिर में श्रीकृष्ण के सभी रूपों को दिखाया गया है। यहां उनके बाल स्वरूप से लेकर किशोरावस्था तक के विभिन्न चित्र मौजूद हैं। वहीं राधा रानी की भी यहां कई फोटो और मूर्तियां मौजूद हैं। मंदिर के प्रांगण में भक्तों के लिए कृष्ण जी के साथ राधा रानी की लीलाओं की भी कई आकृतियां यहां पर बनाई गई है। बता दें कि प्रेम मंदिर में हर समय आपको ‘हरे रामा हरे कृष्णा…’ की धुन सुनने को मिलेगी।

प्रेम मंदिर की होली क्यों है खास?

वृंदावन में बहुत ही खास तरीके से होली खेली जाती है। यहां होली के एक माह पहले से ही रंगों और फूलों से होली खेलनी शुरू हो जाती है। साथ ही यहां के कई मंदिरों में विभिन्न आयोजन भी किए जाते हैं। वृंदावन के प्रेम मंदिर में भी बहुत खास तरीके से होली खेली जाती है। मंदिर को भक्तों के लिए रंग-बिरंगे फूलों और चमकीली लाइटों से सजाया जाता है। इसके अलावा मंदिर खुलते ही आपको यहां सत्संग की आवाजें सुनाई देने लगती हैं। होली खेलने के लिए हर साल यहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं।

प्रेम मंदिर कब और किसने बनवाया?

बता दें कि प्रेम मंदिर को प्यार का प्रतीक भी माना जाता है। इस मंदिर को साल 2012 में श्रीकृष्ण के भक्त महाराज कृपालु ने इटली के सफेद संगमरमर के पत्थर से बनवाया था। हालांकि इस मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2001 में आरंभ हुआ था, लेकिन 11 साल बाद ये मंदिर बनकर पूरी तरह से तैयार हुआ था। ये मंदिर लगभग 125 फीट ऊंचा है और कई एकड़ में फैला हुआ है। इसके अलावा मंदिर की प्रत्येक दीवार पर शानदार कारीगरी की गई है। वहीं रात में मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजा दिया जाता है, जो श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है।

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Nidhi Jain

First published on: Mar 15, 2024 08:00 AM

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