वृंदावन के इस प्रसिद्ध मंदिर में भगवान बांके बिहारी को कई सदियों में पहली बार सुबह और शाम का भोग नहीं चढ़ाया गया. इसका कारण हलवाई को समय पर वेतन न मिलना बताया जा रहा है. बांके बिहारी के दरबार में आने वाले लाखों भक्त दर्शन के साथ-साथ भगवान के प्रिय भोग की भी कामना करते हैं, लेकिन इस बार भक्तों के साथ स्वयं भगवान भी पूरे दिन अपने प्रिय भोग से वंचित रह गए. इस घटना पर मंदिर के पुजारियों ने नाराजगी जताई है, जबकि हाई-पावर्ड कमेटी ने कहा है कि बकाया वेतन का भुगतान कराकर स्थिति को जल्द सुलझाया जाएगा.
महीनों से हलवाई को नहीं मिला वेतन
श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के हलवाई मयंक गुप्ता को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया था. इसी कारण उन्होंने ठाकुर जी के लिए बाल भोग और शयन भोग तैयार नहीं किया. हलवाई को प्रतिमाह कम से कम 80 हजार रुपये वेतन दिया जाता है. वेतन न मिलने के चलते सदियों से चली आ रही ठाकुर जी को भोग अर्पित करने की परंपरा टूट गई. इसके परिणामस्वरूप बाल भोग, दोपहर में अर्पित किया जाने वाला राजभोग, शाम का उत्थापन भोग और रात्रि का शयन भोग तैयार नहीं किया गया.
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सोमवार को मिली भोग न लगने की जानकारी
सोमवार को बांके बिहारी मंदिर कमेटी को मंदिर परिसर में ठाकुर जी के लिए बाल भोग और शाम को शयन भोग न लगने की जानकारी मिली. इसके बाद जब हलवाई मयंक गुप्ता से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि भुगतान न होने के कारण भोग तैयार नहीं किया गया. मंदिर की हाई-पावर्ड कमेटी ने आश्वासन दिया है कि मयंक गुप्ता को शीघ्र ही उसका बकाया वेतन दे दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे.
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