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Explainer: 120 घंटे बीत जाने के बाद भी टनल में फंसे मजदूरों को बचाने में क्यों हो रही है देरी?

Uttarkashi Tunnel Accident: टनल के अंदर फंसे श्रमिकों को 120 घंटे बीत जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। वर्तमान में ड्रिलिंग का कार्य को भी रोक दिया गया है।

Edited By : Sumit Kumar | Updated: Nov 17, 2023 18:58
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Uttarkashi Tunnel Accident

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड में एक टनल के अंदर फंसे श्रमिकों को 120 घंटे बीत जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर श्रमिकों को इतने घंटे तक बचाव कार्य के बावजूद भी क्यों नहीं निकाला जा सका है।
बचावकर्मियों ने मलबे के माध्यम से 25 मीटर तक ड्रिलिंग की है। लेकिन फंसे हुए श्रमिकों को निकालने का रास्ता बनाने के लिए एक बड़े ड्रिल मशीन की मदद से 800mm और 900mm व्यास वाले पाइप डालने के लिए 60 मीटर तक ड्रिल करने की आवश्यकता है। अब इसी को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

दिल्ली से मंगाई गई ड्रिल मशीन

बचावकर्मियों ने टनल में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए दिल्ली से लाई गई एक नई बरमा ड्रिल मशीन का उपयोग करके रात भर काम किया और मलबे के माध्यम से 25 मीटर तक ड्रिल करने में कामयाब रहे। इसके बाद मशीन अंदर एक मेटल के हिस्से से टकरा गई। जिस वजह से ड्रिलिंग का काम रुक गया और मजदूरों को बाहर निकालने में समय लग रहा है।

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क्यों रुका है ड्रिलिंग का कार्य?

NHIDCL के निदेशक, अंशू मनीष खलखो ने कहा कि गैस कटर का उपयोग करके मेटल वाले हिस्से को काटने का प्रयास किया जा रहा है और ड्रिलिंग का काम फिलहाल रोक दिया गया है। खलखो ने कहा कि वे इंदौर से एक और मशीन एयरलिफ्ट कर रहे हैं जो कल सुबह साइट पर पहुंचेगी।

उन्होंने कहा कि मलबे में पाइप डालने में सुराग करने की तुलना में अधिक समय लगता है। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि पाइपों में कोई दरार न रहे।”

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165 कर्मी बचाव कार्य में जुटे

टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ और आईटीबीपी सहित कई एजेंसियों के 165 कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे बचाव कार्य चलाया जा रहा है। थाईलैंड और नॉर्वे से भी बचाव टीमें भी आई हैं।

वर्तमान में सुरक्षित हैं सभी श्रमिक

टनल में फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें एयर कंप्रेस्ड पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन, दवाएं, भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि उनके साथ लगातार संवाद बनाए रखा जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका उत्साह बरकरार रहे और उनकी आशा जीवित रहे।

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Written By

Sumit Kumar

First published on: Nov 17, 2023 06:46 PM

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