New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के हल्द्वानी (Haldwani) में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) के आदेश पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट तल्ख टिप्पणी भी की है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश से कम से कम 50 हजार लोग प्रभावित हो रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में की ये टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान इस मामले के मानवीय पहलू पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कथित रूप से अतिक्रमण की गई रेलवे भूमि से बेदखल किए जाने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल ने कहा कि समस्या का एक मानवीय पहलू है, ये लोग हैं। कुछ तो काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की किसी न किसी तरह से नतीजा निकाला जाना चाहिए।
Supreme Court issues notice to Uttarakhand government and India Railways on the pleas challenging Uttarakhand High Court’s decision ordering the State authorities to remove encroachments from railway land in Haldwani’s Banbhoolpura area. pic.twitter.com/Zn7PhHxcuO
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 5, 2023
4,365 लोगों के घर हैं यहां
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। रेलवे के मुताबिक जमीन पर 4,365 अतिक्रमणकारी हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां रहने वाले लोगों ने अपनी याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट ने इस तथ्य की जानकारी होने के बाद भी आदेश पारित किया है। लोगों ने कहा कि इस संबंध में कार्यवाही जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है। इसके बाद भी आदेश पारित किया गया है।
रहने वाले लोगों ने किया ये दावा
लोगों ने अपनी याचिका में कहा कि रेलवे के अधिकारियों ने यहां 7 अप्रैल 2021 की कथित तौर पर सीमांकन की बात कही थी। जबकि यह एक खोखला दावा है। किसी भी प्रकार का सीमांकन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं जो स्पष्ट रूप से उनके दावा को प्रमाणित करता है।