Swami Chinmayanand: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) को अपनी शिष्या से कथित तौर पर दुष्कर्म (Rape Case) के मामले में अग्रिम जमानत देने की याचिका को मंजूरी दे दी है। यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने दिया है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वे सप्ताहभर के भीतर ट्रायल कोर्ट के सामने पेश हों।
वर्ष 2011 में दर्ज कराया था केस
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने शाहजहांपुर कोतवाली में उनके खिलाफ कथित दुष्कर्म का मुकमदा दर्ज कराया था। इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से स्वामी पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए हलफनामा दाखिल किया था, जिसे सभी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब हाईकोर्च ने मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत देने की पुष्टि की है।
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पीड़िता ने भी कोर्ट में दायर किया हलफनामा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जमानत याचिका को लेकर शिकायतकर्ता पीड़िता ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया कि उसे कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही कहा गया है कि इस आपराधिक मुकदमे को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों की दलीलों पर भी विचार किया है, जिनमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने खुद अभियोजन से हटने का फैसला किया है। इस मामले में भी सरकारी वकील को आवेदन दायर करने की अनुमति दी है।
हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश
स्वामी चिन्मयानंद की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि यह अदालत 19 दिसंबर, 2022 के अंतरिम आदेश की पुष्टि करती है, जिसके आधार पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी गई है।
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हालांकि, कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को एक सप्ताह में ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि अंतरिम आदेश के अनुपालन में पहले जमा नहीं किए जाने पर व्यक्तिगत मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानत जमा करें।
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