UP Shahjahanpur News: जिन बच्चों ने भविष्य के लिए सुनहरे सपने देखे, उनके सिर से पहले मां-बाप का साया उठा। फिर सरकार से उम्मीद लगाए बैठे इन बच्चों को बाल गृह और शिशु केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां उन्हें रूह कंपाने वाली सजा दी गई। अहम बात ये है कि इन बच्चों से मारपीट के वीडियो खुद बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किए गए, लेकिन इसके बावजूद आरोपियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब बीजेपी नेताओं ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में कुछ समय पहले बाल गृह और शिशु केंद्र में बच्चों से मारपीट के वीडियो सामने आए थे। इन वीडियोज को शेयर करते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य और शक्ति केंद्र संयोजक मुकेश दीक्षित ने सरकार से ठोस कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन खानापूर्ति कर महिला का कुछ ही दूरी पर ट्रांसफर कर दिया गया। मुकेश दीक्षित का कहना है कि आरोपी महिला कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही अब तक कोई ठोस कार्रवाई हुई। दीक्षित ने अब महिला कल्याण मंत्री, महिला कल्याण प्रमुख सचिव और महिला कल्याण निदेशक को पत्र लिखकर डीपीओ गौरव मिश्रा और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत की है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने भी महिला कल्याण मंत्री को शिकायत की है।
क्या है पूरा मामला?
कुछ समय पहले केयर टेकर पूनम गंगवार के बच्चों को मारते-पीटते वीडियो वायरल हुए थे। मुकेश दीक्षित ने अपनी शिकायत में लिखा- जनपद शाहजहांपुर में जिला प्रोबेशन अधिकारी के पद पर कार्यरत गौरव मिश्रा की कार्यशैली जिला प्रशासन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। इनके आचरण एवं व्यवहार से स्थानीय प्रशासन और सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
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अवैध तरीके से किया गया नियुक्त
शिकायत में आगे लिखा कि गौरव मिश्रा की ओर से हब फॉर एम्पावरमेन्ट ऑफ वूमेन में अमृता दीक्षित को जिला मिशन कॉर्डिनेटर के पद पर अवैध तरीके से नियुक्त किया गया है। अमृता दीक्षित उपरोक्त पद पर नियुक्ति हेतु अर्हता पूर्ण नहीं करती है। यही नहीं, नियुक्ति के बाद अमृता दीक्षित अपने कार्यालय वन स्टॉप सेंटर पर न जाकर प्रोबेशन कार्यालय में जमी रहती हैं। मुकेश दीक्षित ने आगे आरोप लगाए हैं कि प्रोबेशन कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया है। जनता की ओर से इनकी मेरे कार्यालय तक शिकायतें पहुंच रही हैं।
लग चुके हैं कई आरोप
मुकेश ने आगे फर्जी बिल के जरिए आर्थिक लाभ लेने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा कि पिछले 4 वर्ष से इनके द्वारा फर्जी बिल भुगतान कर विभाग को लाखों रुपये का नुकसान किया जा रहा है। बताया जाता है कि डीपीओ पर पहले भी वन स्टॉप सेंटर में आरोप लग चुके हैं।
शाहजहांपुर में बच्चों की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है!
बाल शिशु केंद्र के बच्चों की पिटाई करती महिलाओं का वीडियो वायरल होने की शिकायत की गई है और मामले पर कार्रवाई करने की अपील की गई है! pic.twitter.com/98SYEZVsEC
— Avinash Tiwari (@TaviJournalist) June 8, 2025
मुकेश ने आगे लिखा कि वन स्टॉप सेंटर में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरला यादव द्वारा कैंटीन संचालित की जा रही थी। इसके बिल भुगतान के नाम पर डीपीओ और अमृता दीक्षित ने कमीशन में मोटी रकम वसूली। जिससे भोजन की गुणवत्ता खराब हो गई और आश्रय गृह में रहने वाली 7 लड़कियां भाग गईं, जिससे सरकार और स्थानीय प्रशासन की छवि धूमिल हुई।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने क्या लिखा?
वहीं दूसरी ओर, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने महिला कल्याण विभाग मंत्री, प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग और महिला कल्याण विभाग निदेशक को की गई अपनी शिकायत में कहा है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के पद पर कार्यरत गौरव मिश्रा को कार्य शैली ठीक नहीं है। प्रोबेशन विभाग में अनाथ और बेसहारा बच्चों के संरक्षण हेतु राजकीय बाल शिशु गृह का संचालन किया जा रहा है। इन बच्चों की देखभाल और सुरक्षा हेतु पूनम गंगवार बतौर केयर टेकर को संविदा पर लगाया गया। यह केयर टेकर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करती है। बच्चों से झाड़ू-पोछा करवाती है और बुरी तरह से मारपीट करती है। पूनम को उच्चाधिकारी का संरक्षण प्राप्त है।
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