UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में आठ पुलिस अधिकारियों की हत्या के मामले में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) की रिश्तेदार खुशी दुबे (Khushi Dubey) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को नियमित जमानत दे दी।
खुशी दुबे ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत न मिलने के बाद आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने खुशी को जमानत देते हुए कहा है कि जुलाई 2020 में घटना के समय वह नाबालिग थी।
विकास दुबे के मारे गए रिश्तेदार की पत्नी है खुशी
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक खुशी दुबे गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी और रिश्तेदार अमर दुबे की विधवा पत्नी है। बता दें कि कुख्यात विकास दुबे ने घात लगाकर पुलिस की टीम पर हमला किया था। इस हमले में आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे।
इसके बाद एनकाउंटर में विकास दुबे यूपी पुलिस की गोली लगने से मारा गया था। आरोप था कि वह कथित तौर पर पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को दी जमानत
30 महीने बाद जेल से बाहर आएगी खुशी
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— News24 (@news24tvchannel) January 4, 2023
हर सप्ताह थाने में करनी होगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे सप्ताह में एक बार संबंधित पुलिस स्टेशन के एसएचओ को रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही मुकदमे में सहयोग करना होगा। बताया गया है कि इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने खुशी दुबे की जमानत याचिका का विरोध किया।
हाईकोर्ट के समक्ष खुशी दुबे ने कहा था कि एक सितंबर 2020 को एक बोर्ड ने उसे किशोरी घोषित किया था। उसने यह भी दलील दी थी कि वह विकास दुबे के गिरोह की सदस्य नहीं थी, बल्कि उसका पति मारे गए गैंगस्टर का रिश्तेदार था। वे घटना के दिन विकास दुबे के घर गए थे।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने किया था जमानत का विरोध
हाईकोर्ट में भी राज्य सरकार ने खुशी दुबे की जमानत याचिका का विरोध किया था। राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि हमले में जीवित बचे पुलिसकर्मियों ने अपने बयानों में कहा था कि हमले में उसने सक्रिय रूप से भाग लिया था।
बता दें कि 2 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस की टीम पर विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने हमला किया था। हमले में गैंगस्टर और उसके सहयोगियों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 10 जुलाई को कथित तौर पर पुलिस की हिरासत से भागते समय पुलिस ने उसे मार गिराया था।