Sambhal Jama Masjid: उत्तर प्रदेश के संभलमें शाही जामा मस्जिद का विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू पक्ष ने यहां श्री हरिहर मंदिर होने का दावा किया है। जिस पर स्थानीय कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन जारी कर मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि यहां 1529 में श्री हरिहर मंदिर मौजूद था। जिसे बाबर ने तोड़कर शाही जामा मस्जिद बना दिया।
बढ़ाई गई सुरक्षा
इस मस्जिद को संभल की 'बाबरी मस्जिद' भी कहा जाता है। संभल में कोर्ट के आदेश के बाद से ही सर्वे चल रहा है। जिसके मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जानकारी के अनुसार, यहां सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो रास्ते बंद कर दिए गए हैं। मस्जिद की ओर जाने वाले मुख्य बाजार और कोटपूर्वी के रास्ते पर सुरक्षा बल तैनात कर इसे बंद किया गया है। यहां उत्तर प्रदेश प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (यूपी-पीएसी) और रेपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती कर दी गई है। साथ ही किसी भी तरह के वाहन के जाने पर रोक लगा दी है।
ओवैसी ने उठाए सवाल
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद में तुरंत सर्वे कराने के निर्देश पर सवाल उठाए। उन्होंने एक्स पर लिखा- बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद हिंदुत्व समूह पूरे भारत में मुस्लिम पूजा स्थलों को निशाना बनाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। यूपी के संभल के चंदौसी में शाही जामा मस्जिद के मामले को देख सकते हैं। कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किए जाने के सिर्फ तीन घंटे के भीतर ही सिविल जज ने मस्जिद स्थल पर एक प्रारंभिक सर्वेक्षण का आदेश दिया।
जिससे पता लगाया जा सके कि मस्जिद निर्माण के लिए मंदिर को तोड़ा गया था या नहीं। इस आवेदन को सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार के स्थायी वकील ने दायर किया। सर्वेक्षण भी उसी दिन किया गया। इसी तरह दूसरे पक्ष को सुने बिना बाबरी के ताले भी अदालत के आदेश के एक घंटे के भीतर खोले गए।
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दूसरी ओर शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने न्यूज 18 इंडिया से कहा- सर्वे में अब तक मस्जिद के अंदर हिंदू मंदिर होने का कोई भी सबूत नहीं मिला है। मंदिर के अंदर मस्जिद बनाने की कोरी अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसा आनन-फानन में चुनाव में ध्रुवीकरण की वजह से किया जा रहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है। जिसमें अपना पक्ष रखा जाएगा।
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