UP Green Tax Relief: उत्तर प्रदेश में रहने वालों और अपना निजी वाहन रखने वालों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी राहत दी है। पुरानी कार और दोपहिया वाहनों का दोबारा पंजीकरण कराने पर अब आपको ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। इस बाबत एक प्रस्ताव सरकार के समक्ष था, लेकिन इसे मंजूर कर दिया गया है। इसके बाद राज्य के लाखों वाहन चालकों को राहत मिल गई है। यह नियम 15 वर्ष पुराने वाहनों के लिए है।
परिवहन विभाग ने भेजा था प्रस्ताव
गौरतलब है कि परिवहन विभाग के अधिकारियों ने 15 वर्ष पुराने वाहनों के दोबारा पंजीकरण पर 2 प्रतिशत ग्रीन टैक्स लेने का प्रस्ताव यूपी सरकार के पास भेजा था, जिस पर विचार करने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा इसे खारिज कर दिया गया।
ग्रीन टैक्स लगने पर देने पड़ते अधिकतम 2000 रुपये
15 वर्ष पुराने वाहनों के दोबारा पंजीकरण पर मुहर लग जाती तो मोटर साइकिल चालकों को 600 रुपये और कार मालिकों पर 2000 रुपये तक देने पड़ते। अब प्रस्ताव नामंजूर किए जाने के बाद सामान्य निर्धारित राशि में पुरानी गाड़ियों का दोबारा पंजीयन आसानी से हो जाएगा। इससे लाखों वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
क्या है ग्रीन टैक्स
यहां पर बता दें कि ग्रीन टैक्स वह होता है, जो प्रदूषण टैक्स और पर्यावरण कर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक उत्पाद शुल्क है, जिसे राज्य सरकारें उन वस्तुओं पर टैक्स लगाकर इकठ्ठा करती हैं, जिससे प्रदूषण फैलता है। यहां पर बता दें कि पूर्व में ग्रीन टैक्स 8 वर्ष से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों पर पहले से ही लागू था, लेकिन बाद में इसे निजी वाहनों के लिए भी लागू कर दिया गया है, जिनकी उम्र 15 साल से अधिक है। दरअसल, मालिकों को पुराने वाहन चलाने से रोकने के लिए कार, बाइक और दूसरे वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स की शुरुआत की गई थी। यह अलग बात है कि यह ग्रीन टैक्स फिलहाल यूपी, हरियाणा समेत एनसीआर के राज्यों में नहीं वसूला जाता है।