Noida News: नोएडा पुलिस ने एक परिवार का जीवन खुशियों से भर दिया है। पुलिस ने 10 साल पहले थाना फेज-2 से अपहरण किए गए एक 10 साल के बच्चे को उसके परिवार से मिलवाया है। पुलिस ने बच्चे को फरीदाबाद के सूरजकुंड इलाके से बरामद किया है। सेन्ट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बच्चे को सिर्फ अपने माता-पिता का नाम पता था। उसे गांव और इलाके का पता नहीं था। इसके बाद पुरानी केसों की एफआईआर को खंगाला गया। हजारों एफआईआर को खंगालने के बाद बच्चे के पिता के एक मित्र की जानकारी मिली। पुलिस ने उनसे संपर्क कर बच्चे के शरीर पर मिले निशान को दिखाया। इसके बाद बच्चे के माता-पिता सामने आए। सही पहचान होने पर बच्चे को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
मंदिर में भंडारे के दौरान हुआ था लापता
सेन्ट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बच्चा परिवार के साथ गेझा गांव में रहता था। 6 नवंबर 2015 को गेझा गांव में एक मंदिर के पास से एक भंडारे के समय बच्चा लापता हो गया था। पता चला कि उसे एक व्यक्ति अपने साथ लेकर चला गया था। 8 नवंबर 2015 को थाना फेज-2 मुकदमा दर्ज किया गया। बच्चे की तलाश की गई। पुलिस का दावा है कि करीब 7 साल तक बच्चे की तलाश जारी रही, लेकिन पता नहीं चलने पर 20 दिसंबर 2022 में फाइल रिपोर्ट लगाकर केस को बंद कर दिया गया। बच्चे के लापता होने से दुखी परिवार भी अपने पैतृक निवास मैनपुरी चला गया।
फरीदाबाद पुलिस से मिला इनपुट
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 28 मई 2025 को थाना सूरजकुंड जनपद फरीदाबाद हरियाणा पर एक अन्य बच्चे की किडनेपिंग का मुकदमा दर्ज किया गया। जांच करने के बाद पुलिस ने 2 जून 2025 को आरोपी मंगल कुमार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने कई साल पहले नोएडा में भी एक बच्चे को किडनैप किया था। आरोपी से पूछताछ के बाद बच्चे को बरामद कर नोएडा पुलिस से जानकारी साझा की गई। इसके बाद नोएडा के सभी थानों में दर्ज इस तरह की एफआईआर को खंगाला गया। इस बीच थाना फेज-2 में दर्ज एक केस मिल गया। वहीं, पूछताछ में आरोपी ने बच्चे को किडनैप करने का तरीका बताया। इसके बाद बच्चे ने किडनैप करने की लोकेशन बताई। दोनों से पूछताछ में सटीक जानकारी मिलने के बाद नोएडा पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई।
थाने पर 6 घंटे तक चली पूछताछ के बाद मिली कामयाबी
डीसीपी ने बताया कि 17 साल के हो चुके किशोर को थाना फेज-2 लाया गया। यहां करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद माता-पिता और उसका असली नाम भी पता चला। आरोपी ने उसका नाम बदलकर प्रियांशु कर दिया था। पुलिस ने नाम से पुरानी एफआईआर को खंगाला तो उसमें किशोर का नाम हिमांशु दर्ज था और पिता के मित्र का नाम दर्ज था, जो वर्तमान में आगरा में रह रहे हैं। इसके बाद किशोर के पिता के मित्र को बुलवाया गया। साथ ही बच्चे के शारीरिक हुलिया के बारे में माता-पिता से बातचीत की गई।
ऐसे हुई पहचान, परिवार में लौटी खुशी
माता-पिता ने बच्चे की दाहिने हाथ की कटी उंगली और बाईं आंख के नीचे एक घाव का निशान के बारे में जानकारी दी। दोनों चिन्हों का मिलान हो जाने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों को नोएडा बुलाया गया। माता-पिता ने इसकी जानकारी बच्चे के बड़े भाई को दी। इसके बाद भाई, चाची व जीजा थाना फेस-2 पर आए और सबसे पहले तो बच्चे के हाथ की कटी उंगली देखी और लिपटकर रोने लगे। जिसके बाद बाद बच्चे ने अपने बड़े भाई को पहचान लिया।