Lucknow Mass Murder : नए साल के पहले दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी से हिला देने वाली खबर सामने आई। नाका स्थित होटल शरणजीत में मां और चार बहनों की हत्या के बाद आरोपी अशरद ने छह मिनट 54 सेकंड का वीडियो बनाया था। उसका कहना था कि गली के लोग उसे परेशान करते थे, घर छीन रहे थे। वह भटकने के लिए मजबूर था। उसने पड़ोसियों, परिजनों पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या आरोपी ने फेमस होने के लिए परिवार के पांच लोगों की हत्या की?
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ के दौरान अरशद बार बार अपने वीडियो और सोशल मीडिया पर आ रहे रिएक्शन को लेकर पूछ रहा था। अशद ने वीडियो में कहा था कि सुबह तक वह भी जिंदा नहीं रहेगा लेकिन वह जिंदा मिला और सरेंडर कर दिया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वह फेमस होना चाहता था? माना जा रहा है कि हत्या के बाद आरोपी ने सहानुभूति के लिए वीडियो बनाया था। DNA की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 10 बार दृश्यम फिल्म देख चुका है। इस फिल्म के डायलॉग इसको बखूबी याद है।
हत्या से पहले किया था ये बड़ा ऐलान
बाप-बेटे ने लखनऊ में हत्या से पहले एक बड़ा ऐलान किया था। दोनों ने परिवार सहित इस्लाम से हिन्दू धर्म अपनाने की घोषणा की थी। घर में राम मंदिर बनवाने का भी लिखित में ऐलान किया था। इसके साथ ही मौत के बाद अपनी प्रॉपर्टी हिन्दू ट्रस्ट को देने का निर्णय लिया था। इतना ही नहीं, मोहम्मद बदर ने हत्या से 14 दिन पहले 18 दिसंबर दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था।
मोहम्मद बदर ने पत्र की कॉपी जिलाधिकारी आगरा, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त नगर, सहायक पुलिस आयुक्त, छत्ता और थाना प्रभारी ट्रांसयमुना को भी सलंग्न की थी। पत्र में लिखा गया था कि हम मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति हैं। मेरे पड़ोस में आफताब अहमद उर्फ रानू और उसका छोटा भाई अजर, आरिफ और इनका परिवार बहुत ही झगड़ालू और बदमाश किस्म के हैं। मैं अपने मकान में एक छोटी सी दुकान चला कर भरण पोषण कर रहा हूं।
पुलिस पर भी लगाया आरोप
पत्र में आगे लिखा गया था कि 16 दिसंबर शाम करीब 5 बजे पड़ोसियों ने षड्यंत्र रचकर ऑटो से दुकान में टक्कर मरवा दी। इससे मेरी छोटी लड़की आलिया उम्र 9 वर्ष के हाथ में चोट आ गई, पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने हमारा राजीनामा करा दिया। इसके बाद 18 दिसंबर सुबह 8 बजे सभी आरोपी एकत्र होकर घर पर ईंट पत्थर बरसाने लगे। मेरी लड़की के साथ बदतमीजी करने लगे। विरोध करने पर हमारे साथ मारपीट करने के बाद और जान से मारने की धमकी देने लगे।
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पत्र में यह भी लिखा गया है कि हमने पुलिस को कॉल किया और दो पीआरवी गाड़ियां मौके पर आ गईं लेकिन हमला करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की, बल्कि हमें ही डांट फटकार लगा कर चले गए। लोगों से परेशान होकर मेरा परिवार और सभी बच्चे हिंदू धर्म अपनाने को मजबूर है। हम अपने मकान में बनी दुकान में श्री राम का मंदिर बनाने की घोषणा करते हैं। यह कदम हमने खूब सोच समझकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उठाया है।
वहीं पड़ोसियों का कहना है कि मोहम्मद बदर बस्ती में किसी से बना कर नहीं रखता था। किसी की मैयत तक में नहीं जाता था. 14 – 15 सालों से यह लोग यहां रह रहे थे। लड़के की शादी हो गई थी। मारपीट कर बहू को घर से निकाल दिया था।