शाहनवाज चौधरी, बुलंदशहर
Bulandshahr News: तापमान बढ़ने के साथ कुत्ते, बिल्ली और बंदर खूंखार हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि ,बुलंदशहर जिले में हर रोज तकरीबन 400 लोगों को खूंखार कुत्ते, बिल्ली और बंदर शिकार बना रहे हैं। बिगड़ते हालातों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने गांव स्थित मेडिकल सेंटर्स पर एन्टी रेबीज वैक्सीन (ARV) का इंतजाम किया है, ताकि कुत्ते के काटने से घायल हुए लोगों को दूर तक दौड़ना न पड़े।
30 दिन में 11 हजार 718 लोगों को काटा
पिछले एक माह से मौसम लगातार गर्म हो रहा है। इस मौसम में पालतू और आवारा कुत्ते, बिल्ली, बंदर भी खूंखार होने लगे हैं, पिछले 30 दिन के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुत्ते बिल्ली और बंदरों ने 390 से 400 लोगों को हर रोज निशाना बनाया। पालतू कुत्तों ने 1749 लोगों को काटा, जबकि आवारा कुत्तों ने 8049 लोगों को शिकार बनाया। बिल्लियों ने 480 और बंदरों ने 1385 लोगों को निशाना बनाया। कुल मिलाकर 30 दिन के भीतर 11 हजार 718 लोगों को खूंखार हो चुके कुत्ते, बिल्ली और बंदर हमला कर अपना शिकार बना चुके हैं। बढ़ते रेबीज मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सीएचसी और पीएचसी के अलावा गांव देहात के मेडिकल सेंटर्स पर भी एन्टी रेबीज वैक्सीन का बंदोबस्त कर दिया है।
देशी नुस्खे का प्रयोग करने न करें
बुलंदशहर के कल्याण सिंह मेडिकल कालेज के एसीएमओ डॉक्टर रमित कुमार के मुताबिक कुत्ता, बिल्ली और बंदर के काटने पर घायल व्यक्ति अपने घाव पर लाल मिर्च, पाउडर और तेल जैसे देशी नुस्खे का प्रयोग न करें। 24 घंटे के अंदर नजदीकी सरकारी अस्पताल जाएं और ARV लगवाएं। लापरवाही बरतने पर जान जोखिम बढ़ सकता है। रेबीज लाइलाज वायरस है, अगर समय पर उपचार न लिया गया तो जान जाना निश्चित है।
संस्कारी कुत्ते बने जान के दुश्मन
आवारा कुत्ते, बिल्ली और बंदर के साथ पालतू कुत्ते भी लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। पालतू कुत्तों को संस्कारी और अनुशासित माना जाता है। इसलिए उनसे बेवजह काटने की उम्मीद नहीं की जाती, लेकिन बढ़ती गर्मी ने पालतू कुत्तों के स्वभाव को भी चिड़चिड़ा और खूंखार बना दिया है। बताया जा रहा है कि पालतू कुत्ते पिछले 30 दिनों के भीतर 1749 लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं।
और खूंखार होंगे कुत्ते
जैसे-जैसे तापमान में इजाफा होगा वैसे-वैसे कुत्ते, बिल्ली और बंदर और भी ज्यादा खूंखार नजर आएंगे। फिलहाल कुत्ता, बिल्ली और बंदर के शिकार लोगों की संख्या करीब 12000 के आसपास है। मई, जून और जुलाई माह में यह संख्या बढ़कर 15000 को भी क्रॉस कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी मुकम्मल तैयारी कर ली है। जिला अस्पताल से लेकर गांव के छोटे स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रेबीज वैक्सीन रखवा दी गई है, ताकि बिल्ली कुत्ता और बंदर के शिकार लोगों को गर्मी में दौड़ना ना पड़े।
एक्सपर्ट्स से जानिए
एसीएमओ डॉक्टर रमित कुमार ने बताया कि आवारा और पालतू कुत्तों, बिल्ली और बंदरों से छेड़छाड़ न करें। गर्मी में उनके पास न जाए। अगर किसी को जानवर ने काट लिया है तो वह सरकारी अस्पतालों का रुख करें और ARV लगवाएं।