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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

सपा नेता हरीश मिश्रा पर हमला, विवादित बयान के बाद मचा बवाल

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सपा नेता हरीश मिश्रा पर हमले के बाद माहौल गरमा गया। यह हमला उनकी विवादित टिप्पणी के कारण हुआ, जिसमें उन्होंने मां करणी और राणा सांगा पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद गुस्साए युवकों ने उन्हें सरेआम पीट दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 14, 2025 19:23
Harish Mishra controversy
Harish Mishra controversy

अभिषेक दुबे, वाराणसी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सपा नेता हरीश मिश्रा पर हमले के बाद शहर में माहौल गर्म हो गया। यह हमला उनकी विवादित टिप्पणी के चलते हुआ। हरीश मिश्रा ने मां करणी पर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिससे गुस्साए युवकों ने उन्हें सरेआम पीट दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को थाने ले जाकर जांच शुरू की। इस घटना के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

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मां करणी और राणा सांगा पर दिया गया विवादित बयान

वाराणसी में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश मिश्रा को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। हरीश मिश्रा द्वारा मां करणी और राणा सांगा पर दिया गया विवादित बयान अब बवाल का कारण बन गया है। इस बयान के बाद दो युवकों के साथ उनकी बहस और मारपीट हो गई, जिससे मामला और बढ़ गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज किया और हरीश मिश्रा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरी घटना ने न केवल राजनीतिक हलचल पैदा की, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।

विवादित बयान के बाद सड़क पर झड़प और मारपीट

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश मिश्रा पर विवादित बयान देने के बाद मामला गंभीर हो गया है। हरीश मिश्रा ने मां करणी और राणा सांगा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे दो युवक नाराज हो गए और उन्होंने काशी विद्यापीठ रोड पर उनसे बात करने की कोशिश की। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद झड़प शुरू हो गई। आरोप है कि हरीश मिश्रा और उनके समर्थकों ने युवकों को पकड़कर पीटा, वहीं युवकों ने भी उन पर चाकू से हमला करने की बात कही। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को सिगरा थाने ले जाकर पूछताछ की। यहां सपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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दोनों पक्षों पर मुकदमा, हरीश मिश्रा गिरफ्तार

पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया। हरीश मिश्रा की तरफ से 9 लोगों पर हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज हुआ, जबकि अविनाश मिश्रा की शिकायत पर हरीश मिश्रा समेत 20 लोगों के खिलाफ मारपीट और हिंसा का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने हरीश मिश्रा, अविनाश मिश्रा और एक अन्य युवक स्वास्तिक उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह बात सामने आई कि युवक किसी भी राजनीतिक संगठन या करणी सेना से नहीं जुड़े हैं। पुलिस का कहना है कि यह मामला व्यक्तिगत विवाद का है, लेकिन इसे जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा और पुलिस की सख्ती

इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने थाने पर जमकर हंगामा किया। सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव भी थाने पहुंचे और पुलिस पर कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई। कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस प्रदर्शन को देखते हुए हरीश मिश्रा, शमीम नोमानी, दिनेश कुमार और रवींद्र कुमार के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और थाने का घेराव करने का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सपा और करणी सेना की प्रतिक्रियाएं

इस पूरे मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता पर हमला उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है। दूसरी ओर करणी सेना ने साफ किया है कि इस झगड़े का उनके संगठन से कोई संबंध नहीं है। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि जिन युवकों से झगड़ा हुआ वे ब्राह्मण समाज के हैं, जबकि करणी सेना में केवल क्षत्रिय समाज के लोग होते हैं। इसलिए यह विवाद पूरी तरह से व्यक्तिगत है, लेकिन उसे जानबूझकर राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। कोर्ट ने हरीश मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और आगे की सुनवाई के लिए उन्हें जेल भेज दिया गया है।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Apr 14, 2025 07:23 PM

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