Claimed Dead Body As Alive And Took Pension For 12 Years: उत्तर प्रदेश के मेरठ से सरकारी कागजों के साथ धोखा करने का मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने मृत महिला का फर्जी लाइफ सर्टिफिकेट बनवाकर 12 साल तक पेंशन की रकम हड़पता रहा। 2022 में शक होने पर तेजवंती से मिलकर उनके जीवित होने की पुष्टि करने का आदेश दिया गया। लाइफ सर्टिफिकेट का सत्यापन कराएं। खुलासा होने पर जांच शुरू की गई जिसके बाद आरोप सच साबित हो गए। टीपीनगर थाने में रक्षा पेंशन संवितरण अधिकारी की ओर से परिवार के लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रक्षा पेंशन संवितरण अधिकारी ने बताया कि टीपीनगर के उत्तमनगर निवासी तेजवंती बहल पत्नी स्वर्गीय मेहरचंद पेंशनधारक थी। मार्च 2010 में तेजवंती ने आखिरी बार खुद रक्षा पेंशन संवितरण कार्यालय में पहुंचकर जीवित होने का सत्यापन कराया था। इसके बाद 2011 में परिजनों ने पीएल शर्मा जिला अस्पताल का लाइफ सर्टिफिकेट दाखिल करते हुए बताया कि तेजवंती बहल जीवित हैं। इस दस्तावेज के आधार पर पेंशन लगातार सुचारू रही। जांच में पीएल शर्मा की ओर से पिछले पांच साल के तमाम सर्टिफिकेट को फर्जी करार दे दिया।
टीपीनगर थाना पुलिस के साथ तेजवंती बहल के घर जांच के लिए टीम पहुंची। यहां पूछताछ की गई तो तेजवंती की पुत्रवधू कमलेश बहल ने उनके निधन की बात स्वीकार कर ली। टीम ने माना कि तेजवंती की मृत्यु वर्ष 2010 से 2011 के बीच हो चुकी थी और परिजन इसके बाद से धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के माध्यम से पेंशन लेते रहे।
फर्जी दस्तावेज की जांच करने के आदेश
जिला अस्पताल का फर्जी लाइफ सर्टिफिकेट लगाकर परिवार लगातार 12 सालों से पेंशन ले रहा था। पुलिस इस बात की जांच करेगी कि जिला अस्पताल के नाम पर लाइफ सर्टिफिकेट को कैसे बनाया गया। जिला अस्पताल के किसी कर्मचारी की भूमिका है।
तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज
रक्षा पेंशन संवितरण अधिकारी कमल किशोर की तहरीर के आधार पर टीपीनगर थाने में मृत महिला तेजवंती बहल के बेटे अश्वनी कुमार, कमलेश बहल पत्नी अश्वनी बहन और रवि पुत्र अश्वनी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज समेत कई धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। विभागीय अधिकारियों ने महिला के परिवारवालों को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया। टीपीनगर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में लिया।