कांवड़ यात्रा के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कांवड़ियों को उपद्रवी कहना आस्था का अपमान है। सीएम योगी ने सोशल मीडिया का प्रयोग कर लोग कांवड़ यात्रियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि श्रमिक वर्ग से लेकर उच्च वर्ग का व्यक्ति इसके साथ जुड़ा हुआ है। यह एकता का संगम है।
‘कांवड़ यात्रा में कोई भेद नहीं’
सीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा में कोई भेदभाव नहीं है। ना जाति का भेद है, ना क्षेत्र का भेद है, ना वर्ग का भेद है और ना ही साम्प्रदाय का भेद है। बम-बम भोले बोलते हुए लोग 300-400 किमी पैदल चलते हैं। हालांकि इनका मीडिया ट्रायल होता है। इन्हें बदनाम किया जाता है। आतंकवादी और उपद्रवी बोलने का भी दुस्साहस किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक तरह की मानसिकता है, जो देश की विरासत को बदनाम करना चाहती है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने जनजातीय समुदाय को भारत से अलग करने का प्रयास किया, उन्हें भड़काने के लिए उकसाया। हर जगह षड्यंत्र किया। ये वही लोग हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष की स्थिति को पैदा करना चाहते हैं।
मुहर्रम का हर जुलूस उत्पात, आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था…
---विज्ञापन---दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा चल रही है…
जो एकता का अद्भुत संगम है… pic.twitter.com/NrqkyLWo0G
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
‘मुहर्रम के जूलूस के दौरान बहन-बेटियां सड़कों पर नहीं निकल पाती थीं’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुहर्रम का हर जुलूस उत्पात, आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था, बहन बेटियां सड़कों पर नहीं निकल पाती थीं। हमने ऐसी व्यवस्था बनाई कि अस्त्र-शस्त्रपा प्रदर्शन नहीं करेंगे। वहीं दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा चल रही है। जहां कोई भेदभाव नहीं है।
क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं… pic.twitter.com/5YsCQt5psq
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
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‘ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं’
सावन से ठीक पहले मुहर्रम का आयोजन हुआ, हमें एक व्यवस्था बनाई कि ताजिया की उंचाई इससे ऊंची मत करना है। वरना मांग करोगे कि पेड़ काटों, किसी के घर के छज्जे को हटाओ। कहीं हाईटेंशन के तार को हटाओ। अब एक आयोजन के लिए ये सब करें, ये तो अन्याय है। इसके बाद जौनपुर में जबरन एक बड़ा ताजिया बनाया गया और हाईटेंशन की चपेट में आने से तीन मर गए। तब ये लोग सड़क पर आ गए थे, तब पुलिस ने कहा कि अब क्या करें। तब मैंने कहा था कि इन्हें लाठी मारकर बाहर करो, क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं। हमने तो पहले ही कहा था कि लेकिन ये मानें नहीं।