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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

गौकशी के लिए बदनाम था ये क्षेत्र, अब पूरा जिला घोषित हुआ ‘गौकशी मुक्त’; पढ़ें पुलिस ने कैसे पाया काबू

2018 की स्याना हिंसा के बाद बुलंदशहर पुलिस ने गौकशी पर सख्ती शुरू की। एनकाउंटर, गैंगस्टर एक्ट, और संपत्ति जब्ती से जिले में गौकशी पर ब्रेक लग चुका है। अब ये जिला गौकशी मुक्त घोषित किया गया है।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 18, 2025 18:07

शाहनवाज चौधरी/ बुलंदशहर

साल 2018, तारीख 3 दिसंबर… यह वही दिन था जब गौकशी को लेकर बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों का कत्ल कर दिया गया था। इस सनसनीखेज घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में तूफान तो खड़ा कर ही दिया था, साथ ही सूबे की योगी सरकार को कटघरे में ला दिया था। जिस बुलंदशहर जिले में गौकशी का बोलबाला रहा, जहां हर माह गौकशी की औसतन 2-3 वारदात होती रही हों, वह जिला महज 6 वर्षों की पुलिसिंग में गौकशी मुक्त हो गया। जिले को गौकशी मुक्त करने के लिए पुलिस प्रशासन ने क्या-क्या कदम उठाए, न्यूज 24 ने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

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स्याना हिंसा से शुरू हुए गौकशों के बुरे दिन

स्याना हिंसा के बाद बुलंदशहर में गौकशों और गौतस्करों के बुरे दिन शुरू हो गए। गत तीन वर्षों की बात करें तो पुलिस ने तत्कालीन एसएसपी श्लोक कुमार की अगुवाई में 49 गौकशों का हाफ एनकाउंटर किया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा। 67 गौकशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। 46 गौकशी के आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। इसके अलावा बुलंदशहर पुलिस ने 75 गौकशों और गौतस्करों की हिस्ट्रीशीट खोली है। पुलिस ने ये सभी कार्रवाइयाँ गौकशी की घटनाओं को समाप्त करने और गौकशों में भय पैदा करने के उद्देश्य से कीं।

10 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई

तत्कालीन एसएसपी श्लोक कुमार और तत्कालीन डीएम सीपी सिंह ने गौकशी के 21 मामलों में गौकशों की 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अटैच कराया। पुलिस ने घर, मकान, दुकान, कृषि फार्म समेत तमाम कीमती संपत्तियां जब्त कीं। खुर्जा के आरिफ कुरैशी पर गौकशी के दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने गौकश आरिफ के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की। पिछले तीन वर्षों से गौकश आरिफ कुरैशी बुलंदशहर जेल में बंद है।

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गौवंश की कत्लगाह बन गया था बुलंदशहर

वर्ष 2019 तक बुलंदशहर गौवंश की कत्लगाह बना रहा। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को संतोष कुमार सिंह बुलंदशहर के एसएसपी बने। वह लगभग 3 वर्षों तक बुलंदशहर में रहे। उन्होंने गौकशों के खिलाफ पूरी ताकत से कार्रवाई की और गौकशी की घटनाओं को न्यूनतम किया। 29 मार्च 2022 को आईपीएस श्लोक कुमार ने बतौर कप्तान बुलंदशहर का कार्यभार संभाला और लगातार गौकशों व गौतस्करों पर कार्रवाई करते रहे।

शासन में खराब थी बुलंदशहर की छवि

एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा कि गौकशी और गौतस्करी की घटनाओं को उन्होंने चुनौती के रूप में स्वीकार किया। गौकशों पर लगातार कार्रवाई की गई। उनकी निगरानी बढ़ाई गई। गुंडा एक्ट, हिस्ट्रीशीट, संपत्ति अटैचमेंट और हाफ एनकाउंटर के बाद गिरफ्तारी कर यह संदेश देने में पुलिस काफी हद तक सफल रही कि बुलंदशहर में गौकशों और गौतस्करों की खैर नहीं। यही वजह है कि जहां हर साल 24 से 28 गौकशी की घटनायें होती थीं, वह अब शून्य की ओर पहुंच गई हैं। डीआईजी रैंक से रिटायर हो चुके संतोष कुमार सिंह बताते हैं, यह पुलिस की सतत मेहनत और प्रयास का नतीजा है कि बुलंदशहर जैसा जिला, जहां कभी गौकशी की घटनाओं के लिए कुख्याति थी, आज बेहतरीन पुलिसिंग की वजह से गौकशी की घटनाएं  शून्य पर सिमट चुकी हैं।

नए SSP दिनेश सिंह की प्राथमिकता

आज बुलंदशहर के नए कप्तान दिनेश कुमार सिंह ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता गौकशी, गौकश और गौतस्करों पर कार्रवाई होगी। उनका फोकस खनन माफिया, लैंड माफिया, लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों पर रहेगा। ऑपरेशन कनविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी भी सुनिश्चित की जाएगी। आम नागरिक इज्जत के साथ जीवन जिएं और गुंडे-बदमाश जेल की सलाखों के पीछे ज़िंदगी बिताएं, यह प्रयास हमारा होगा।

ऐसे शहीद हुए पुलिस अफसर

3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर भूड़ पर इस्लामिक इज्तिमा की दुआ के बाद लाखों की भीड़ गंतव्य की ओर जा रही थी। इसी दौरान स्याना की चिंगरावठी चौकी क्षेत्र के महाव गांव के जंगल में गौवंश के अवशेष मिलने के बाद बजरंग दल और स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था। आक्रोशित भीड़ स्याना रोड पर जाम लगाना चाहती थी। चूंकि इज्तिमा की भीड़ वहां से गुजरने वाली थी, इसलिए पुलिस ने विरोध किया। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस पर पथराव शुरू हो गया। फायरिंग हुई। इसी बलवे में स्याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से बलवे में शामिल सुमित की भी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने 29 नामजद समेत 44 बलवाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिनमें से पांच आरोपियों की स्वाभाविक मौत हो चुकी है। अधिकांश आरोपी जेल में हैं, कुछ आरोपी ज़मानत पर भी हैं।

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Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Apr 18, 2025 06:06 PM

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