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वरुण और मेनका गांधी का लोकसभा चुनाव में कट सकता है टिकट, सामने आई बड़ी वजह

Lok sabha election 2024 update: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही पार्टियों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी को लेकर जानकारी सामने आई है कि सुल्तानपुर और पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। यानी मेनका गांधी और वरुण गांधी का टिकट […]

Varun Gandhi, Maneka Gandhi
Lok sabha election 2024 update: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही पार्टियों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी को लेकर जानकारी सामने आई है कि सुल्तानपुर और पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। यानी मेनका गांधी और वरुण गांधी का टिकट यहां से कटना तय माना जा रहा है। एक सर्वे भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव को लेकर करवाया गया था। सूत्रों के मुताबिक सर्वे में दोनों नेताओं के पक्ष में रिपोर्ट नहीं आई। जिसके बाद माना जा रहा है कि दोनों का पत्ता कट सकता है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सुल्तानपुर के काफी भाजपाई मेनका गांधी के खिलाफ हैं। वे पार्टी से टिकट न देने की मांग कर चुके हैं। क्योंकि मेनका गांधी के बारे में रिपोर्ट दी गई है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र से गायब रहती हैं। जिसको लेकर लोगों में नाराजगी है। संगठनात्मक कार्यक्रमों में भी मेनका गांधी नहीं आती हैं।

एक राज्यमंत्री को मैदान में उतार सकती है भाजपा

इसके अलावा पार्टी की ओर से पीलीभीत में जो सर्वे करवाया गया था, वह भी सांसद वरुण गांधी के खिलाफ आया है। भाजपा के कई कार्यकर्ता और संगठन के लोग वरुण के खिलाफ बताए जा रहे हैं। वरुण की बयानबाजी के बाद भी लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। जिसके बाद पार्टी नेतृत्व से उनको बदलने की मांग तेज हो गई है। सामने ये भी आया है कि भाजपा फिलहाल सरकार में एक राज्यमंत्री को टिकट दे सकती है। जो कुर्मी समाज से हैं। यह भी पढ़ें-प्रेम कहानी का ‘खूनी’ अंत; शादीशुदा प्रेमिका कहती थी-मुझसे शादी करो, हद पार हुई तो बेटे के सामने काटी गर्दन आपको बता दें कि पिछले 3 साल से सांसद वरुण गांधी भाजपा से दूरी बनाए हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी वे अपने प्रत्याशियों के प्रचार में नहीं आए थे। न ही किसी संगठनात्मक कार्यक्रम में उन्होंने रूचि दिखाई। वे अकसर प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं। बताया जा रहा है कि मां-बेटे की नाराजगी का कारण केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाया जाना है। मेनका गांधी मोदी की पहली कैबिनेट में मंत्री रह चुकी हैं।


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