UP Bahraich Operation Bhediya : उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों का खौफ है। इसे लेकर पुलिस, पीएसी के साथ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। अब प्रशासन ने महसी तहसील क्षेत्र में खुलेआम घूम रहे दो आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने की रणनीति बदल दी है। भेड़ियों द्वारा अपनाए जाने वाले रास्तों पर रंग-बिरंगी आदमकद गुड़ियां रखी जा रही हैं और उसमें बच्चों के मूत्र डाले गए हैं।
ऐसे पकड़े जाएंगे भेड़िये
इसे लेकर प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों भेड़ियों को पकड़ने के लिए पिंजरों में बच्चों जैसी दिखने वाली गुड़ियों को रखा गया है, जहां भेड़ियों की आवाजाही संदिग्ध है। बच्चों के मूत्र गुड़ियों में डाले जाते हैं, क्योंकि भेड़ियों में सूंघने की शक्ति इंसानों से 100,000 गुना अधिक होती है। उन्होंने आगे बताया कि पिंजरों को इस तरह से बनाया गया है कि भेड़ियों को देखकर ऐसा लगे कि कोई बच्चा बैठा या सो रहा है। ऐसे में जैसे ही खूंखार जानवर पास आएगा, उसे पकड़ लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें : UP के इस जिले में भेड़िए के खिलाफ बिछाया जाल, 5 बच्चों की मौत के बाद एकजुट हुए ग्रामीणबचे 2 भेड़ियों के लिए बिछाया जा रहा जाल
आपको बता दें कि वन अधिकारियों ने 6 में से 4 भेड़ियों को पकड़ लिया है। बचे दो भेड़ियों के लिए जाल बिछाया जा रहा है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंसर्वेटर रेनू सिंह ने कहा कि भेड़ियों के ठिकानों और गांव तक पहुंचने वाले रास्तों की पहचान की जा रही है। वन विभाग ने अपनी रणनीति बदल दी है। उनका पूरा ध्यान जल्द से जल्द उन्हें पकड़ने के लिए पूरे रास्ते की निगरानी पर है।
यह भी पढ़ें : बहादुर लड़का महिला के लिए बना रक्षक, खतरनाक सांड़ से बचाने के लिए जोखिम में डाल दी खुद की जानआसमान से भी की जा रही निगरानी
भेड़ियों की आदत होती है कि वे सुबह अपने घर लौट जाते हैं और रात में शिकार करते हैं। बहराइच में अभियान का नेतृत्व कर रहीं रेनू सिंह ने बताया कि वे भेड़ियों की इस आदत को ध्यान में रखकर रणनीति बना रहे हैं। जमीन के साथ-साथ आसमान में 24 घंटे थर्मल ड्रोन से पता लगा रहे हैं।