समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर बड़ा हमला किया है। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज बहुत खुशी की बात है बड़ी संख्या में लोग सपा की सदस्यता ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी साथी पीडीए, देश के संविधान और अर्थव्यवस्था को बचाने की लड़ाई में साथ देने, किसानों और बहुजन समाज के लोगों को सम्मान दिलाने के लिए साथ आए हैं। साथ ही उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग अपनी योजनाओं को बताने में कभी नहीं थकते।
क्या कहा अखिलेश यादव ने?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने 27 मार्च को आगरा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर हुए हमले का भी उल्लेख किया। हमले का उल्लेख करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘अगर सांसद रामजीलाल सुमन के साथ या समाजवादी पार्टी के किसी अन्य नेता के साथ कोई घटना होती है तो उसके लिए कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार होंगे। वही उस संगठन पर हाथ रखे हुए हैं। उनका उनसे जातीय कनेक्श है।’
“अगर रामजीलाल सुमन जी या समाजवादी पार्टी के कोई नेता के साथ कोई घटना होती है तो इसके जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री होंगे, वही उस संगठन पर हाथ रखे हुए हैं। उनका उनसे जातीय कनेक्श है।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/EVWnnCVY53
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‘भाजपा अपनी नाकामियां छिपाने के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है’
उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी योजनाओं की नाकामियां छिपाने के लिए सांप्रदायिक रास्ता अपना रही है। देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इन समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिकता को फैलाया जा रहा है। बता दें कि रामजी लाल सुमन ने बयान दिया था कि बाबर को हिंदुस्तान आने के लिए राणा सांगा ने निमंत्रित किया था। इसके बाद से वह कई संगठनों के निशाने पर हैं।
अखिलेश यादव ने मुद्रा योजना पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और इसे झूठी योजना करार दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना अपनी शुरुआत के एक दशक बाद भी ठोस आर्थिक या सामाजिक प्रभाव डालने में विफल रही है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेता अपनी योजनाओं का प्रचार करते नहीं थकते। आज एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, मुद्रा योजना के 10 साल। लेकिन एक दशक बीत जाने के बावजूद, इसने समाज या अर्थव्यवस्था पर कोई ठोस प्रभाव नहीं छोड़ा है। यह एक ‘झूठी योजना’ बन गई है, झूठे वादों की योजना। यादव ने इस योजना को लेकर कई सवाल उठाए। यह योजना छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को ‘माइक्रो-फाइनेंस प्रदान करता है।
‘चुनिंदा लोगों को पैसे ट्रांसफर करने का जरिया है मुद्रा योजना’
उन्होंने कहा, जनता और हमें भी यह पूछने का अधिकार है, अगर 52 करोड़ लोगों को वास्तव में मुद्रा लोन मिला है और अगर प्रति लोन से दो नौकरियां भी पैदा हुई हैं तो देश में बेरोजगारी लगभग शून्य होनी चाहिए। उन्होंने समय-समय पर सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों की सच्चाई पर सवाल उठाया और कार्यप्रणाली और आंकड़ों में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यह योजना बैंकों से चुनिंदा लोगों को पैसे ट्रांसफर करने का जरिया बन गई है। यादव ने दावा किया कि अपनी योजनाओं की विफलता को छिपाने के लिए भाजपा संविधान को कमजोर कर रही है। साथ ही लोकतंत्र और कानून के शासन की अवहेलना कर रही है।
अखलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पूछे 10 सवाल
अखिलेश यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘मुद्रा योजना की पहली दशकीय पारी पूरी होने पर 10 वर्ष के नाम पर निम्नलिखित 10 महत्वपूर्ण सरल और सीधे सवाल तो जनता भाजपा से पूछ ही सकती है:-
1. क्या सच में 52 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का पैसा मिला?
2. यदि ये सत्य है तो मुद्रा ऋण लेनेवालों ने अगर 2 लोगों को भी रोजगार दिया तो पूरे देश में बेरोजगारी लगभग शून्य होनी चाहिए थी। क्या इस तथ्य में कोई विसंगति है?
3. जब दोनों ही आंकड़े सरकारी हैं तो मुद्रा योजना या बेरोजगारी के आंकड़े में से किसको सही माना जाए?
4. मुद्रा योजना में लोन के रूप में बंटा 33 लाख करोड़ रुपया किसके खातों में गया?
5. क्या इन खातों की कभी जांच परख या लेखापरीक्षण या कहें ऑडिट हुआ?
6. क्या इनके द्वारा समर्थित या शुरू हुए उपक्रमों ने कभी लाभ कमाया और दिखाया?
7. क्या सरकार को इनसे कभी इनकम टैक्स प्राप्त हुआ और हुआ तो कितना?
8. क्या इनमें से किसी ने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवाया?
9. इनसे कुल कितना जीएसटी प्राप्त हुआ?
10. बैंकों को मुद्रा योजना के वितरण पर हुए कुल खर्च और इससे मिले कुल ब्याज के बीच क्या कुछ लाभ हुआ या ये योजना कुछ अपने लोगों को बैंकों के खजाने से पैसा पहुंचाने का माध्यम मात्र बनकर रह गई है?