Rajasthan Widow Pension Stopped Matter: खबर राजस्थान के झुंझुनूं की है। जहां अधिकारियों ने विधवा जिंदा महिला को कागजीतौर पर मृत घोषित कर दिया और उसकी विधवा पेंशन भी बंद कर दी। जिंदा महिला को खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे है। पिछले 8 महीनों से महिला लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रही है, लेकिन अफसर तो जैसे आंख और कान दोनो बंद कर बैठे है, न ही समस्या सुनने को तैयार है, न ही उसके कागज देखने को। मनोहारी देवी की आर्थिक स्थिती बेहद खराब है। पेंशन ही उनका एकमात्र सहारा है। जिससे उनके घर का गुजारा होता है। बंद हुई पेंशन को दोबारा शुरू कराने के लिए महिला पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक अपनी गुहार लगा चुकी है। लेकिन कोई भी उनकी समस्या सुनने को तैयार नहीं है।
अधिकारियों की लापरवाही
मनोहारी देवी के पति पहले ही गुजर चुके है। वह 2019 से विधवा पेंशन ले रही हैं, पेंशन के सहारे ही उनकी जीविका चल रही थी, 2019 से लगातार उनको विधवा पेंशन मिल रही थी, लेकिन जनवरी 2023 की शुरूआत से अचानक उनकी पेंशन आना बंद हो गई। महिला ने जब इस बारे में जांच की तो पता चला की, पंचायत समिति से उसकी पेंशन रोक दी गई है। जब महिला ने पंचायत समिती से जाकर पूछताछ की। तो पता चला कि रिकॉर्ड के मुताबिक महिला की मृत्यु हो चुकी है। इस वजह से उनकी पेंशन बंदकर की दी गई है।
अधिकारी सुनने को तैयार नहीं
मनोहारी की आर्थिक स्थिती सही नहीं है। विधवा पेंशन से ही उनकी जीविका चल रही थी। लेकिन अचानक से विधवा पेंशन बंद होने के कारण मनोहरी देवी की माली हालत बहुत खराब हो चुकी है। पेंशन के सहारे ही उनका गुजारा चल रहा था और वो अपनी किसी तरह जिंदगी गुजार रही थीं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही का नुकसान उनको भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बिना जांच किए ही उन्हें कागजों पर मृत घोषित कर दिया। मनोहरी देवी पेंशन को दोबारा शुरू करवाने को लेकर पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगा चुकी है। लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार ही नही है।