Rajasthan Assembly: (केजे श्रीवत्सन) राजस्थान विधानसभा में लगातार हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के बयान पर लगातार विरोध जता रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ मिलकर इस मसले पर डेडलॉक को खत्म करने की विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की तमाम कोशिशें भी विफल हो गईं। सोमवार को सदन के अंदर और सड़कों पर कांग्रेस नेताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, लेकिन इस दौरान कांग्रेस नेताओं में फूट भी नजर आई। दरअसल नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता विधानसभा अध्यक्ष और सरकार के साथ मिलकर इस पूरे मसले का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे थे, ताकि निलंबित सभी 6 विधायकों को फिर से बहाल किया जा सके। विधानसभा की कार्यवाही को सुबह से 4 बार स्थगित करने के बाद दोपहर को कुछ बात बनती भी दिखाई दी, लेकिन इसके बाद विरोध और बढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष और मुख्य सचेतक ने अपनी-अपनी बात रखी और इस मामले के पटाक्षेप का अनुरोध किया।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित किए गए विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को सदन में बुलाकर आसन के पास आकर हंगामा करने के लिए माफी मांगने को कहा। विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह पूरा मामला कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के इंदिरा गांधी के खिलाफ कटाक्ष भरे बयान से शुरू हुआ है, ऐसे में पहले उनको माफी मांगनी पड़ेगी। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति जताई गई और इसे समझौते की कोशिश के खिलाफ बताया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने भी इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
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20 मिनट बाद जब विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह लोकसभा में आसन के पास आकर हंगामा करने पर सदस्यों को 5 कार्य दिवस के लिए निलंबित कर दिया जाता है। ठीक उसी तरह राजस्थान में भी यह व्यवस्था अपनाई जाएगी, क्योंकि कांग्रेस के जिन 6 विधायकों को निलंबित किया गया है, वे आसन के पास आकर हंगामा करने के दोषी हैं और इस तरह यह मामला सुलझाने के बजाय और भी बढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को जारी रखने का निर्देश दिया और मार्शलों से कहा कि कोई भी विधायक आसन के पास नहीं आने पाए।
हंगामे के बीच बजट पर चर्चा
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए सदन की कार्यवाही आधे घंटे तक स्थगित करने की मांग की, ताकि मामले का हल निकाला जा सके। विधानसभा अध्यक्ष ने इससे साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब सदन की कार्यवाही हंगामे के बीच चलेगी और उन्होंने कार्य सूची के अनुसार सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्देश जारी किया। हंगामे के बीच विधायकों ने बजट पर अपनी बात रखनी शुरू की।
खास बात यह रही कि गोविंद सिंह डोटासरा के इस रुख से कांग्रेस के कई बड़े विधायक भी नाखुश दिखे। यहां तक कि सदन में मौजूद सचिन पायलट, हरीश चौधरी और राजेंद्र पारीक जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के पास जाकर इस गतिरोध को खत्म करने और डोटासरा के बयान पर सफाई देने की भी कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए।
सदन के अंदर भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष बार-बार गोविंद सिंह डोटासरा से इस पूरे मुद्दे पर संयम रखने की अपील करते नजर आए, लेकिन डोटासरा भी अड़े रहे। इसके चलते गतिरोध सुलझने के बजाय और भी बढ़ गया। वैसे यह पहला मौका भी था, जब किसी निलंबित विधायक को सदन से बाहर निकालने के बाद बिना निलंबन को वापस लिए सदन में बुलाया गया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने भी एक बार विधानसभा अध्यक्ष के पास जाकर अपना विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन मार्शलों ने उन्हें और कांग्रेस विधायकों को वापस भेज दिया।
VIDEO | Rajasthan: Congress supporters protest in Jaipur against suspension of party MLAs from state Assembly during the ongoing session. #JaipurNews #RajasthanAssembly
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— Press Trust of India (@PTI_News) February 24, 2025
कई कार्यकर्ता हिरासत में
उधर, सदन के बाहर कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था। कांग्रेस ने अपने पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को बुलाया था, लेकिन उम्मीद के मुताबिक इतनी भीड़ नहीं जुटी, जितना दावा किया गया था। कांग्रेसियों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें रोक लिया। इस दौरान कई वर्करों को हिरासत में ले लिया गया।
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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री अविनाश गहलोत का बयान गलत था। वे राहुल गांधी के बारे में भी ऐसा बोल चुके हैं, तब भी 3 दिनों तक गतिरोध रहा था। सत्ता पक्ष नहीं चाहता कि सदन चले। हम मार्शलों से डरने वाले नहीं हैं। हम विधानसभा अध्यक्ष पर हमला करने नहीं गए थे। उनसे अनुरोध करने गए थे। वे चाहते तो इंदिरा गांधी के लिए बोले गए अपमानजनक शब्दों को कार्रवाई से बाहर निकाल देते।