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राजस्थान

शाही लवाजमे के साथ निकली गणगौर माता की सवारी, जोधपुर में 3 किलो सोने के गहने से हुआ शृंगार, देखें तस्वीरें

जयपुर में शाही लवाजमे के साथ निकाली गई गणगौर माता की सवारी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उमड़े और कलाकारों के साथ जमकर नाचे। विदेशी पर्यटकों ने भी राजस्थान की शाही परंपरा, लोक संस्कृति और आस्था का अनुभव किया। शाही सवारी में हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर लोग राजसी ठाठ-बाठ से निकले।

Author Reported By : kj.srivatsan Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 31, 2025 22:38
Royal Procession of Gangaur Mata Held in Jaipur
जयपुर में गणगौर माता की शाही शोभायात्रा निकाली गई।

राजस्थान में सोमवार को गणगौर महोत्सव की धूम देखने मिली। राज्य की शाही परंपरा, लोक संस्कृति और आस्था का प्रतीक गणगौर महोत्सव 2025 इस बार और भी भव्यता के साथ मनाया गया। त्रिपोलिया गेट से शाही लवाजमे के साथ निकली गणगौर माता की सवारी ने पूरे शहर को उत्सवमय बना दिया। देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ इस ऐतिहासिक सवारी को देखने के लिए उमड़ी और राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नजदीक से अनुभव किया। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर समेत पूरे प्रदेश में गणगौर की सवारी निकली। जयपुर में हाथी, ऊंट और घोड़ों के साथ गणगौर की शाही सवारी निकाली गई, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।

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पहली बार लाइव प्रसारण

इस साल पहली बार सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर में लगी 200 एलईडी स्क्रीन्स के माध्यम से गणगौर महोत्सव का सीधा प्रसारण किया गया, जिससे वे श्रद्धालु भी इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बन सके जो सवारी में शामिल नहीं हो पाए।

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पूर्व राजपरिवार ने निभाई परंपरा

जयपुर के पूर्व राजपरिवार की महिला सदस्यों ने जनानी ड्योढ़ी में विधि-विधान से गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात गणगौर माता की सवारी निकली। पूर्व राजपरिवार के प्रमुख सवाई पद्मनाभ सिंह ने त्रिपोलिया गेट पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद नगर परिक्रमा के लिए रवाना किया। माता के स्वागत में श्रद्धालुओं ने ‘भंवर म्हाने पूजण दे गणगौर’ और ‘खोल ऐ गणगौर माता खोल किवाड़ी’ जैसे लोकगीतों की गूंज से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

जोधपुर में 3 किलो सोने के गहने से हुआ शृंगार

जोधपुर में गणगौर माता की सवारी अपने ससुराल से पीहर पहुंची। इस दौरान गणगौर माता का 3.5 किलो सोने के आभूषण से श्रंगार किया गया। वहीं, गवर माता को डेढ़ लाख की बरी यानी पोशाक पहनाई गई।

गणगौर सवारी का भव्य आयोजन

गणगौर महोत्सव के तहत 31 मार्च और 1 अप्रैल को गणगौर की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस बार शोभायात्रा में लोक कलाकारों की संख्या को 150 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया। इसके साथ ही सजी-धजी पालकियों, ऊंटों, घोड़ों और हाथियों के लवाजमे को और अधिक भव्य बनाया गया है। सिटी पैलेस से निकलने वाले शाही लवाजमे की संख्या में भी 50 फीसदी की वृद्धि की गई है।

शोभायात्रा के विशेष आकर्षण

  • 3 अतिरिक्त हाथी, 12 घोड़े (लांसर्स पंचरंगा झंडा लिए हुए), 6 सजे-धजे ऊंट और 2 विक्टोरिया बग्गी शामिल की गई।
  • परंपरागत अनुयायियों के साथ पंखी, अडानी एवं चढ़ी धारक समेत कुल 24 व्यक्तियों का दल उपस्थित रहा।
  • अरवाड़ा संप्रदाय के अनुयायियों ने अपनी विशेष पारंपरिक प्रस्तुति दी।

छोटी चौपड़ पर भव्य आयोजन

  • गणगौर माता के स्वागत के लिए 3 भव्य मंच तैयार किए गए।
  • दो मंचों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां हुईं, जबकि तीसरे मंच पर व्यापार मंडल के सदस्य और महिलाएं माता की पूजा और पुष्पवर्षा करती दिखीं।
  • पुलिस बैंड और घूमर नृत्य की विशेष प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

अन्य प्रमुख आयोजन

  • ड्रोन के माध्यम से पुष्पवर्षा कर माता की शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
  • शोभायात्रा के समापन पर तालकटोरा में राजस्थानी लोक कलाकारों ने विशेष प्रस्तुतियां दीं।

हिन्द होटल टैरेस पर 500 पर्यटकों के बैठने की विशेष व्यवस्था की गई, जिसमें 200-300 विदेशी पर्यटकों के लिए अतिरिक्त स्थान निर्धारित किया गया।

HISTORY

Edited By

Satyadev Kumar

Reported By

kj.srivatsan

First published on: Mar 31, 2025 09:50 PM

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