Thursday, 18 April, 2024

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राइट टू हेल्थ बिलः राजस्थान में डाॅक्टरों का प्रदर्शन जारी, विरोध में आज ओपीडी सेवाएं रहेगी बंद

Jaipur News: राजस्थान में बुधवार को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में पूरे राज्य में मेडिकल सेवाएं बंद रहेगी। राज्य में बुधवार को पीएचसी, सीएचसी, जिला हाॅस्पिटल और मेडिकल काॅलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगी। इधर सरकार ने भी रेजिडेंट डाॅक्टर्स पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है। टीचर्स फैकल्टी ने भी […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Mar 29, 2023 07:36
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Right to Health Bill

Jaipur News: राजस्थान में बुधवार को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में पूरे राज्य में मेडिकल सेवाएं बंद रहेगी। राज्य में बुधवार को पीएचसी, सीएचसी, जिला हाॅस्पिटल और मेडिकल काॅलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगी। इधर सरकार ने भी रेजिडेंट डाॅक्टर्स पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है।

टीचर्स फैकल्टी ने भी दिया समर्थन

इधर निजी चिकित्सकों के समर्थन में मंगलवार को सरकारी मेडिकल काॅलेज के टीचर्स भी आ गए हैं। इसमें सीनियर प्रोफेसर, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर रैंक की फैकल्टी शामिल है। हालांकि इस दौरान केवल ओपीडी सर्विस बंद रहेगी। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा दिया जाएगा।

सरकार रद्द करेगी पंजीयन 

इधर सरकार ने रेजिडेंट डाॅक्टर्स पर कार्रवाई का मन बना लिया है। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने आज एक ऑर्डर जारी करते हुए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को उनके कॉलेज में पढ़ रहे ऐसे रेजिडेंट्स डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए कहा है, जो आंदोलन के दौरान मरीजों के परिजन से दुर्व्यवहार कर रहे हों, राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हों और अपने कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हों।

विधानसभा में बिल हुआ पास

राजस्थान बीजेपी के विरोध के बाद भी राइट टू हेल्थ बिल 21 मार्च को विधानसभा से पास हो गया। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां ये बिल पास हुआ। इस बिल में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की गारंटी है। इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल को भी फ्री इलाज करना होगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में इमरजेंसी में फ्री इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा।

इमरजेंसी के लिए अलग से फंड बनेगा

बिल पर अपनी बात रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट अस्पताल को भी फ्री में इलाज करना होगा। प्राइवेट हाॅस्पिटल में इमरजेंसी इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा।

लापरवाही करने पर जिला और राज्य स्तर पर प्राधिकरण बनेगा। दोषी पाए जाने पर 10 से 25 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। प्राधिकरण के फैसले को किसी सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।

अब जानिए क्या है राइट टू हेल्थ?

  1. मरीजों को निजी हॉस्पीटल में भी आपातकालीन स्थिति में निशुल्क इलाज मिल सकेगा।
  2. बिल के नियमों के तहत आउट डोर पेशेंट्स (OPD), इनडोर भर्ती पेशेंट्स, डॉक्टर को दिखाना और परामर्श, दवाइयां, डायग्नोसिस, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन यानी एम्बुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिलेगा।
    प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस सरकार अपने स्तर पर करवाएगी।
  3. अब डॉक्टरों द्वारा दिए जा रहे इलाज की जानकारी मरीज और उसके परिजन ले सकेंगे।
  4. फीस या चार्ज के एडवांस पेमेंट के बिना इमरजेंसी कंडीशन के दौरान बिना देरी किए प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर जरूरी इमरजेंसी ट्रीटमेंट फैसिलिटी और इंटेंसिव केयर, इमरजेंसी डिलेवरी और ट्रीटमेंट देंगे।
  5. किसी भी तरह की महामारी के दौरान होने वाले रोगों के इलाज को इसमें शामिल किया गया है।
  6. इलाज के दौरान यदि मरीज की अस्पताल में मौत हो जाती है और अस्पताल में इलाज का भुगतान नहीं होता है तब भी डेड बॉडी को अस्पताल रोक नहीं सकेंगे।
  7. किसी मरीज को गंभीर स्थिति में दूसरे हॉस्पीटल में रैफर करने की जिम्मेदारी अस्पताल की होगी। सर्जरी, कीमोथैरेपी की पहले से ही सूचना देकर मरीज या उसके परिजनों से सहमति लेनी होगी।
  8. किसी मेल वर्कर की ओर से महिला पेशेंट के फिजिकल टेस्ट के दौरान महिला की उपस्थिति जरूरी होगी। उपलब्ध ऑप्शनल ट्रीटमेंट मेथड का सलेक्शन मरीज कर सकेगा।
  9. रोड एक्सीडेंट्स में फ्री ट्रांसपोर्टेशन, फ्री ट्रीटमेंट और फ्री इंश्योरेंस कवर इस्तेमाल होगा। कोई व्यक्ति एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता है तो पहली बार 10 हजार और दूसरी बार 25 हजार का जुर्माना देना होगा।
  10. इस बिल में मरीज और उनके परिजनों को लेकर भी कुछ कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ मरीज या उसके परिजन दुर्व्यवहार नहीं करेंगे।

First published on: Mar 29, 2023 07:36 AM

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