TrendingNavratri 2024Iran Israel attackHaryana Assembly Election 2024Jammu Kashmir Assembly Election 2024Aaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

Rajasthan Assembly Election : वो 8 सीटें, जहां पति-पत्नी समेत कई रिश्ते बने सियासी बिसात के मोहरे

Rajasthan vidhan sabha chunav result 2023 : राजस्थान में बड़े सियासी चेहरों पर तो सबकी नजर है ही, साथ ही 8 सीट ऐसी भी हैं, जहां पारिवारिक रिश्तों की दांव पर लगी हुई है।

Rajasthan Assembly Election, जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीति में एक अनोखी तस्वीर देखने को मिल रही है। हर किसी की नजरें मतगणना के बाद घोषित होने वाले नतीजों पर है। इसी बीच राज्य की 8 सीटों के परिणाम कुछ ज्यादा ही रोचक रहने वाले हैं। हार चाहे किसी की हो, जीत चाहे किसी की हो, मगर बड़ी बात यह है कि यहां जीत भी परिवार की ही होगी और हार भी परिवार की ही होगी। कहीं बाप-बेटी आमने-सामने हैं तो कहीं जीजा-साली और चाचा-भतीजी ने तो कहीं बेटे ने पिता के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जानें किस सीट पर कौन है सियासी बिसात का मोहरा...

दांता रामगढ़ सीट पर पति-पत्नी में खिंची राजनैतिक तलवारें

राज्य में सबसे ज्यादा रोमांचक मुकाबला सीकर जिले में आती दांता रामगढ़ विधानसभा सीट पर माना जा रहा है। यहां कांग्रेस से 2018 में चुनावी राजनीति से संन्यास ले चुके दिग्गज नेता नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र चौधरी चुनाव मैदान में हैं। पिता की विरासत संभालते हुए वीरेंद्र पिछली बार के विजेता हैं, वहीं उन्हें उनकी पत्नी रीता ही टक्कर दे रही हैं। पिछले एक साल से पति से किनारा कर चुकीं रीता बीते दिनों हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गई। वह न सिर्फ पार्टी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष हैं, बल्कि अब राजस्थान के चुनाव में पहली बार कदम रख रही जेजेपी ने उन्हें अपने पति के खिलाफ ही राजनैतिक मोहरा बना दिया। यह भी पढ़ें: Rajasthan Assembly Election Result 2018: देखें 199 सीटों के नतीजे, किस सीट से कौन जीता कौन हारा?

धौलपुर में जीजा-साली के बीच टक्कर

धौलपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी से डॉ. शिवचरण कुशवाह चुनाव लड़ रहे हैं और यहां मुकाबला उस बेहद रोचक हो गया, जब कांग्रेस ने परिवार की ही महिला को प्रत्याशी बना दिया। डॉ. शिवचरण को टक्कर दे रही कांग्रेस उम्मीदवार शोभारानी वह नेता हैं, जिन्हें 2022 में क्रॉस वोटिंग की घटना से नाराज होकर भाजपा खेमे ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। शोभारानी डॉ. शिवचरण की साली भी हैं और इन दोनों के बीच देवर-भाभी का भी नाता है। ऐसे में राजनीति की बिसात पर लड़ाई परिवार के मोहरों के बीच है।

नागौर में चाचा-भतीजी अलग-अलग पार्टियों से उम्मीदवार

नागौर जिले में नामी जाट नेता रीछपाल मिर्धा बड़े ही धर्म संकट में फंसे हुए हैं। वह एक तरफ डेगाना के कांग्रेस प्रयाशी बेटे विजयपाल मिर्धा का समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी ओर नागौर जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट नागौर पर भाजपा उम्मीदवारी बनीं पोती ज्योति मिर्धा के लिए वोट मांगते नजर आए। गजब की बात तो यह भी है कि ज्योति का मुकाबला किसी और से नहीं, बल्कि अपने चाचा हरेंद्र मिर्धा से है। हरेंद्र कांग्रेस के बैनर से चुनाव लड़ रहे हैं। यह भी पढ़ें: Rajasthan Assembly Election Result 2023: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट से चुनावी मैदान में

भादरा पर चाचा-भतीजा आमने-सामने

भादरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा संजीव बेनीवाल को चुनाव लड़ा रही है तो कांग्रेस ने उनके मुकाबले में उनके भतीजे अजीत बेनीवाल उम्मीदवारी दे दी।

खेतड़ी में बीजेपी ने टिकट काटा तो कांग्रेस में जाकर चाचा के खिलाफ खड़ी हुईं मनीषा

खेतड़ी विधानसभा सीट पर भी उस वक्त मुकाबला रोचक हो गया, जब भारतीय जनता पार्टी ने मनीषा गुर्जर का टिकट काटकर उनके चाचा धर्मपाल गुर्जर को दे दिया। इसके बाद नाराज होकर मनीषा कांग्रेस में चली गईं और पार्टी ने उन्हें चाचा के खिलाफ ही खड़ा कर दिया।

अलवर में घरेलू विवाद बना राजनीति का अखाड़ा, ग्रामीण सीट फाइट बाप-बेटी में

अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर तो बाप-बेटी ही एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में आ डटे। दरअसल, भाजपा नेता जय राम जाटव के परिवार में काफी लंबे समय से आपसी मतभेद चल रहे हैं। अब जबकि वह अपनी पार्टी के लिए लड़ रहे हैं तो उनकी बेटी मीना कुमारी ने उनके ही खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी, वह भी बिना किसी पार्टी के।

सोजत-बस्सी सीट पर दोस्ती में दरार

कुछ इसी तरह की इंटरेस्टिंग फाइट सोजत-बस्सी सीट पर देखने को मिल रही है। यहां रिटायर्ड प्रशानिक अधिकारी (IAS) चंद्रमोहन मीणा बीजेपी के बैनर से चुनाव मैदान में हैं तो  निर्दलीय लड़ने के बाद मौजूदा विधायक और उनके बेहद करीबी दोस्त लक्ष्मण मीणा (रिटायर्ड IPS) को इस बार कांग्रेस ने अपना लिया।

खंडार सीट पर पिता-पुत्र एक-दूसरे के राजनैतिक विरोधी

खंडार विधानसभा क्षेत्र पर भी परिवार का विवाद राजनीति की बिसात पर जीत-हार का सामना करने के लिए तैयार है। हालांकि यहां विधानसभा चुनाव उम्मीदवार सिर्फ एक ही आदमी है। दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा के पिता डालचंद आपसी मतभेद को खुले मंच पर लाकर कहते देखे गए कि किसी को मर्जी जिता देना, लेकिन अशोक को वोट मत देना। अब देखना होगा कि पिता की अपील बेटे को हराती है या बेटे की जीत उन्हें मायूस करती है।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.