Rajasthan Politics: अशोक गहलोत कैबिनेट के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपना ट्विटर बायो बदल दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर बायो में लिखा है, राजस्थान विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराध का मुद्दा उठाने के कारण बर्खास्त कांग्रेस का मंत्री। बता दें कि सीएम गहलोत ने गुढ़ा को सोमवार को विधानसभा में कहा था कि मणिपुर हिंसा की बजाय सरकार को अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए। इस बयान के कार्रवाई करते हुए सीएम ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
गुढ़ा यहीं नहीं रूके जब उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया गया तो उन्होंने धर्मेंद्र राठौड़ की लाल डायरी का जिक्र छेड़ दिया। इसके बाद जब वे मंगलवार को विधानसभा में लाल डायरी लेकर पहुंचे तो कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस दौरान गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के 50 विधायकों ने विधानसभा में मेरे उपर हमला किया इसके बाद वह लाल डायरी मुझसे छीन ली।
उदयपुरवाटी पहुंच गुढ़ा ने साधा निशाना
मंगलवार को गुढ़ा अपने विधानसभा में थे जहां उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नहीं दुर्योधन और दुशासन का शासन चल रहा है। वे उनके काले कारनामें पूरे प्रदेश में जाकर उजागर करेंगे। गहलोत सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने का काम मैं करूंगा। उन्होंने कहा कि पूरे मंत्रिमंडल का नार्को टेस्ट करवाइए, अगर 60 फीसदी बलात्कारी मंत्री नहीं निकले तो राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि अगले 10-11 दिन उनकी ऊंटगाड़ा यात्राश् पूरे क्षेत्र को कवर लेगी।
गुढ़ा पर सरकार का शिंकजा
वहीं दूसरी ओर सरकार गुढ़ा को बख्शने के मूड में नहीं है। कल सरकार ने उदयपुर वाटी के चेयरमैन रामनिवास सैनी को निलंबित कर दिया। उन पर नियमों के खिलाफ बागवानों की भर्ती करने का आरोप था। वहीं गुढ़ा को एक एनआरआई डाॅक्टर का अस्पताल कब्जा करने का आरोपी बनाया गया है। इस मामले में गुढ़ा के पीए, उनके साले और जयपुर के एक बिल्डर की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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