जयपुर से केजे श्रीवत्सन् की रिपोर्टः सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच समझौता क्या हुआ राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी भी हाईकमान पर दोनों ने समझौता फार्मूले को लेकर फैसला छोड़ा हुआ है, लेकिन दोनों को एक साथ देखकर कांग्रेस के नेता राजस्थान में अब मिशन 156 की बात कहने लगे हैंं।
वहीं बीजेपी ने तंज कसा है की 9 बार इस तरह की समझौते की तस्वीर सामने आ चुकी है लेकिन जनता समझ चुकी है की इनके बीच ना तो अदावत कम हुई है और ना ही बगावत के तेवर।
बीजेपी ने उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से करीब 4 घंटे तक चली बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की यह मुस्कराती हुई तस्वीर सामने आई। इसके बाद राजस्थान के कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर भी अब सुकून दिखने लगा है।
सुकून इस बात को लेकर भी की सचिन पायलट के अपनी ही सरकार को दिए अल्टीमेटम की तारीख भी आज मंगलवार 30 मई को ख़त्म हो गई। ऐसे में इतना तो तय है की फिर से अनशन या पैदल यात्रा के जरिये अपनी ही सरकार के लिए वे किरकिरी का कोई सन्देश नहीं देना चाहेंगे।
सुलह के बाद अब 156 सीटें जीतने का दावा
इस चुनावी साल में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के राजनीतिक और जातिगत ताकत के बूते सरकार रिपीट करने के लिए यह तस्वीरें जरुरी भी थी। साल 2020 के बाद यह पहला मौका था जब दोनों नेता एक साथ नज़र आये। जिसके बाद अब गुटबाजी में उलझे राजस्थान कांग्रेस के नेता भी अब मिशन 156 यानी की विधानसभा की 200 में से 156 सीटें जितने का दावा करने लगे हैं।
9 बार समझौते के बाद भी जारी है मनमुटाव- बीजेपी
दरअसल सीएम की कुर्सी को लेकर गहलोत और पायलट के बीच साल 2018 के विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद से ही तकरार शुरू हो गया था। साल 2020 में अपनी ही सरकार को अल्पमत में बताकर समर्थक विधायकों के साथ मानेसर चले जाने के बाद तकरार अदावत और अदावत बगावत में बदल गई। उसके बाद से दोनों ही पक्षों की तरफ से जिस तरह के बयान आये उसने मामले को उलझा दिया।
लेकिन अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराने के आरोप लगाकर पायलट ने जब पहले अनशन और उसके बाद पदयात्रा की तो हाईकमान को फिर से हस्तक्षेप करना पड़ा। जिसके बाद एक बार फिर से वहीं समझौते की तस्वीर सामने आ गई। ऐसे में बीजेपी ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है की 9 बार समझौते के बाद भी जब तकरार बरक़रार है तो अब जनता को और गुमराह नहीं किया जा सकता।
एकजुटता की तस्वीरें हुई वायरल, लेकिन सवाल अभी भी बरकरार
बहरहाल एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने की बात के साथ समझौते को लेकर मुस्कराती हुई गहलोत और पायलट की तस्वीर तो सामने आ गई। उस पर सचिन पायलट द्वारा अपने अधिकारिक सोशल मीडिया पर इससे जुड़े विडियो को शेयर करके उस पर सहमति देने की खबर भले ही राहत देने वाली हो।
इस दौरान दोनों की ही चुप्पी और सुलह के फार्मूले के सामने नहीं आने को लेकर सियासी सवाल अब भी जस के तस बने हुए हैं। अब सबकी नज़रें इस पर लगी है की कांग्रेस हाईकमान ने इस मुद्दे पर किस फार्मूले के साथ निर्णायक हल निकालता है।