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Rajasthan Hindi News: महरौली से पैदल चलकर अजमेर पहुंचे कलन्दर, दरगाह में पेश की छड़ियां, मुल्क में अमन की मांगी दुआ

अजमेर से संदीप टाक की रिपोर्ट: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स का पैगाम देश के विभिन्न हिस्सों में देते रहे कलंदर अजमेर पहुंचे। वे छड़ियों के जुलूस के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए दरगाह पहुंचे। जहां उन्होंने छड़ियां पेश कर मुल्क में अमन चैन व भाईचारे की दुआएं मांगी। और […]

Urs Ajmer
अजमेर से संदीप टाक की रिपोर्ट: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स का पैगाम देश के विभिन्न हिस्सों में देते रहे कलंदर अजमेर पहुंचे। वे छड़ियों के जुलूस के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए दरगाह पहुंचे। जहां उन्होंने छड़ियां पेश कर मुल्क में अमन चैन व भाईचारे की दुआएं मांगी। और पढ़िए –INS Vagir: कलवरी क्लास की 5वीं सबमरीन इंडियन नेवी में शामिल, जानें कितनी खतरनाक?

हेरतअंग्रेज करतब किए पेश

दिल्ली के महरौली स्थित कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह से छड़ियां लेकर पैदल रवाना हुए मलंग कलंदरों के दल एक दिन पूर्व ही अजमेर पहुंचना शुरू हो गए। इन कलंदर मलंगों ने गरीब नवाज के उर्स के पैगाम देने वाले परचम अर्थात छड़ियां हाथ में ली हुई थीं। कलंदरों का झुलूस गंज से शुरू हुआ, जुलूस में कलंदर हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए लेकर दरगाह पहुंचें। छड़ियों के साथ निकलने वाले जुलूस में मलंग कलंदर हैरतअंगेज करतब पेश करते हुए चल रहे थे। किसी ने जुबान में नुकीली लोहे की छड़ घुसा ली तो किसी ने गर्दन के आर-पार छड़ निकाल दी।

पुष्प वर्षा के साथ किया गया स्वागत

एक कलंदर ने तो तलवार से आंख की पुतलियां बाहर निकाल दी। उर्स में कलंदरों ने चाबुक से शरीर पर चोट पहुंचाने जैसे करतब दिखाए। कलंदर व मलंग के ऐसे हैरतअंगेज नजारे देखकर हर कोई आश्चर्य चकित था। कलंदरों का जगह -जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। गंज, देहली गेट, धानमंडी, दरगाह बाजार होते हुए यह जुलूस रोशनी के वक्त से पूर्व दरगाह पहुंचा। दरगाह के निजाम गेट पर खुद्दाम ख्वाजा की ओर से कलंदरों मलंगों का स्वागत किया गया। इसके बाद कलंदरों ने अपनी छड़ियां दरगाह में पेश की और मुल्क मे अमन चैन व भाईचारे की दुआ मांगी। और पढ़िए –Republic Day Parade: रिहर्सल परेड को लेकर दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, जानें क्या रहेगा रूट

कलंदरों की छड़ियां चढ़ने के बाद होती हैं उर्स की शुरुआत

दिल्ली से पैदल चलकर आए कलंदर ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में वह हर साल पैदल चलकर छड़ियां लेकर अजमेर पहुंचते हैं और गरीब नवाज के सालाना उर्स में हाजिरी लगाते हैं। करीब 700 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए हजारों की संख्या में अजमेर पहुंचे है और उन्होंने गरीब नवाज की बारगाह में छड़ियां पेश की है । मान्यता है कि कलंदरो की ओर से दरगाह में छड़ियां चढ़ाने के बाद से ही उर्स की शुरुआत होती हैं। और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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