Rajasthan Election 2023: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में नवनियुक्त पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ मंत्री बीजेपी से दोस्ती निभाते हैं। मुझे पता है किसी नेता के कहने से अफसर चेंज हो जाते हैं। विधायक और कार्यकर्ता के कहने पर नहीं होते। जब फील्ड में जाते हैं तो हमें ये बातें सुनने को मिलती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बीजेपी-संघ को ठोक कर जवाब देते हैं। जब मेरा गला नहीं काट सकते तो तुम्हारा क्या बिगाड़ लेंगे।
मैं साफगोई से अपनी बात कहता हूं
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह समय दोस्ती निभाने का नहीं है। दोबारा सरकार आती है तो संगठन के कारण से आएगी। डोटासरा ने आगे कहा कि नेतृत्व के कहने पर आपको फील्ड में जाना होगा अगर कोई नहीं जाएगा तो उसे नुकसान होगा। क्योंकि वह काम करने का इच्छुक नहीं है। मैं अपने राजनीतिक जीवन में साफगोई से अपनी बात कहने वाला आदमी रहा हूं। अगर कोई कभी नुकसान होगा तो मैं भुगतने को तैयार हूं।
बड़े नेताओं के आस-पास घूमने से कुछ नहीं होगा
पीसीसी चीफ ने कहा कि कोई भी पदाधिकारी इस गलतफहमी में नहीं रहे कि वह पदाधिकारी बन गया। इसका मतलब यह है कि वह नेता चाहता है कि आप कांग्रेस का राज लाने में सहयोग करें। अपना योगदान दें। आप उस नेता के आस-पास घूमने की बजाय फील्ड में जाएं और काम करें। वह नहीं कहे तो नहीं जाएं ऐसा नहीं होना चाहिए।
डोटासरा ने आगे कहा कि पिछली कार्यकारिणी में अधिकांश नेता मैसेज तक नहीं देखते थे। इसलिए उन सबकी छुट्टी कर दी। अब भी किसी ने काम नहीं किया तो बाहर हो जाएंगे। आपने अपना काम किया इसलिए धन्यवाद। अब यह जिम्मेदारी हम किसी और को दे रहे हैं। यह गु्रप में हमें नहीं लिखना पड़े। इसलिए आप सभी लोेग संगठन को मजबूत बनाने के लिए काम करें। उसमें मैं भी हूं। मैं भी कोई अलग नहीं हूं।
7 दिन में कार्यकारिणी बनाएं जिलाध्यक्ष
डोटासरा ने जिलाध्यक्षों को सख्त लहजे में स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि नवनियुक्त जिलाध्यक्ष 7 दिन में अपनी कार्यकारिणी गठित कर लें। आज तक जो परिपाटी चल रही है उसके अनुसार साल भर तक जिलाध्यक्ष नहीं बनाते हैं। अब हमारे पास समय नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाध्यक्ष 7 दिन में कार्यकारिणी बनाकर प्रदेश कार्यालय भिजवा दें। अगर 7 दिन में कार्यकारिणी नहीं भिजवाई तो वहां पर वर्किंग प्रेसिडेंट लगाकर काम करवाना पड़ेगा।