(केजे श्रीवत्सन, जयपुर)
Former CM Ashok Gehlot: राजस्थान की 5 महीने पुरानी भजनलाल सरकार ने अशोक गहलोत सरकार के एक और बड़े फैसले को पलटने की तैयारी कर ली है। जिसके चलते अभिभावकों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। कहा जा रहा है कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में साल 2019 में शुरू किए गए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फिर से हिंदी मीडियम में कन्वर्ट किए जाने पर विचार हो रहा है। इसके लिए बाकायदा 2 पेज का एक फॉर्मेट सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है। जिसे भरकर उन्हें बताना होगा कि उनके इलाके में चल रहे इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करना है, तो इसके पीछे वे क्या कारण मानते हैं। इस समय आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि 4 जून को नतीजों के बाद होने वाली भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में इसे लेकर प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
Super Decision by #Rajasthan Govt under CM .@BhajanlalBjp 🔥
Teachers leaving school premises without informing higher authorities to offer NAMAZ during school hours, will be suspended & even dismissed. Also, Teachers won't be allowed to use mobile phones during duty hours in… pic.twitter.com/bCgFtZIIVA
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तब तक शिक्षा विभाग जिला शिक्षा अधिकारियों से मिले सुझावों को ध्यान में रखकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगा। दरअसल पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने साल 2019 में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को बेहतरीन इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने का मौका देते हुए करीब 2000 सरकारी हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में कन्वर्ट किया था। शुरू में इसे लेकर आलोचना भी हुई, क्योंकि न तो सरकार के पास इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने वाले अध्यापक थे और न ही उनके लिए जरूरी मापदंड। बावजूद उस वक्त शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया था।
भामाशाह और कई संगठन भी अपने इलाके में बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए ऐसे स्कूलों के विकास में सहयोग करते रहे। अभिभावकों और छात्रों के बीच इस कदर प्रभाव नजर आया कि जिला मुख्यालयों से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई इस योजना को विस्तार देते हुए ब्लॉक स्तर पर भी खोलने की मांग भी होने लगी। देखते ही देखते 3900 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खुल गए। उस समय खुद तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत भी कई मौकों पर कहते सुने गए कि बचपन में वे अंग्रेजी नहीं पढ़ पाए, तो उन्हें कई जगह पिछड़ना पड़ा।
पूर्व सीएम ने फैसले को बताया गलत
वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए इस फैसले को बेतुका बताया है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर कहा कि फैसले से गरीब-मध्यम वर्ग के लोग परेशान होंगे और सरकार को फिर से विचार करना चाहिए। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की राजनीतिक द्वेष वाली कार्रवाई बताया है। कहा कि संघ की विचारधारा को थोपने की राजस्थान में पिछले साल बनी भाजपा सरकार कोशिश कर रही है। उसमें महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल भी शामिल हैं। इसके पीछे की वजह इंग्लिश पढ़ाने के लिए अध्यापकों की बहुत ज्यादा कमी और मानदंडों की कमी बताया गया है। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन सरकार की इस कवायद से अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।