राजस्थान बीजेपी की विधायक मोक्षम चौधरी का एक बयान विवादों का कारण बन रहा है, जिसमें वे साफ तौर पर कह रही है कि उनके भरतपुर संभाग के विधायकों ने कांग्रेस के लगाए प्रधानों को हटा कर उसकी जगह भाजपा के नेताओं को बैठा दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस मामले पर कहा कि अपने विधायक से इस पर स्पष्टीकरण मागेंगे। मुक्तेश्वर में कांग्रेस शुरू से ही भाजपा पर विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगा रही है।
अब राजस्थान में बीजेपी की एक विधायक के बयान के बाद कांग्रेस को फिर से इस मुद्दे को उठाने का मौका मिल गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर के कामां की विधायक नोक्षम चौधरी इन दोनों खुलकर मंच से बयान दे रही है कि भरतपुर के सभी भाजपा विधायकों ने मिलकर कांग्रेस सरकार में लगाए प्रधानों को हटा दिया है। अगर कहीं कांग्रेस का कोई प्रधान है, तो उसकी जगह बीजेपी के प्रधान को कुर्सी पर बैठा दिया जाएगा।र उकी जगह भाजपा के नेताओं को बैठा दिया है।
कौन हैं नौक्षम चौधरी ?
राजस्थान में भरतपुर जिले कामां से बीजेपी से नौक्षम चौधरी विधायक हैं। नौक्षम की मां हरियाणा काडर में ऑफिसर हैं और पिता रिटायर जज हैं। वहीं, नौक्षम ने डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज से पढ़ी हैं।
राजस्थान बीजेपी की विधायक मोक्षम चौधरी ने कामां और पहाड़ी प्रधान पद बीजेपी के मुखिया बनने पर अपनी ही पार्टी के मंत्री पर निशाना साधा @news24tvchannel @Nauksham_C pic.twitter.com/EEzTOo4N4o
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बीजेपी विधायक नोक्षम चौधरी का बयान
बीजेपी विधायक नोक्षम चौधरी ने बताया कि भरतपुर संभाग में बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस के प्रधान हटाकर अपने प्रधान बैठा दिए हैं। आप भी गुर्जर समाज से किसी प्रधान को चुन लीजिए, हम उसे शान से बैठा देंगे। इस बयान के सामने आते ही बवाल मच गया था। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है और अब पार्टी को सफाई देनी पड़ रही है। वहीं, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से ही चुनाव लड़ते हैं। कोई प्रधान गलत तरीके से नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने मंत्री जी से बात कर ली है और विधायक से जवाब मांगा जाएगा। किसी भी चुने हुए प्रतिनिधि या सरकार को ऐसे हटाया नहीं जा सकता है।
मंत्री जवाहर सिंह बेढम और नोक्षम चौधरी आपस में भिड़े
नौक्षम चौधरी ने 25-26 अगस्त को जयपुर में भाजपा की संवाद समन्वय बैठक में भी अपने आक्रामक तेवर दिखाए थे। इस बैठक का मकसद था कि लोकसभा चुनाव और बजट घोषणाओं की सही से अमल करना है। यहीं पर भरतपुर से मंत्री जवाहर सिंह बेढम और विधायक नोक्षम चौधरी कामां प्रधान चुनाव को लेकर आपस में ही भिड़ गए। इस पर मंत्री जवाहर सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ बोलना मतलब सरकार के खिलाफ बोलना है। जबकि नोक्षम चौधरी ने पलटवार किया कि मैं भी सरकार का हिस्सा हूं और सवाल उठाना मेरा हक है।
वरिष्ठ नेता सीपी जोशी को करना पड़ा बीच-बचाव
दोनों की बहस को बढ़ते देख वरिष्ठ नेता सीपी जोशी को बीच-बचाव करना पड़ा। वहीं, इस पर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भाजपा विपक्षी प्रधानों को हटाकर सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। युवा चेहरों की महत्वाकांक्षाएं और वरिष्ठ नेताओं का दबदबा है। आने वाले दिनों में यह टकराव पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। इसका मतलब साफ है कि समन्वय बैठक का मकसद भले ही संगठन और सत्ता में तालमेल दिखाना था, लेकिन बाहर निकला सिर्फ विवाद है। अब देखना है कि भाजपा इस अंदरूनी आग को कैसे बुझाती है।
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