जान बचाने की बजाय लोगों ने बनाया वीडियो
इंसानियत उस वक़्त और भी शर्मसार होती दिखी जब पेट्रोल छिड़कर कथित रूप से जलाई गई यह महिला सहायता के लिए लोगों को पुकार रही थी, लेकिन दबंगों के डर से किसी ने भी आग बुझाने की कोशिश नहीं की, उलटा सभी विडियो बनाते रहे।खुद बयां की दास्तां
अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही शिक्षिका ने दम तोड़ने से पहले अपने साथ हुई अन्याय की दास्तां को बयान किया, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया। 70 फीसदी से भी ज्यादा जली हालत में शिक्षिका को SMS अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। परिवार वालों की मानें तो पुलिस की लापरवाही ही इस पूरी घटना की सबसे बड़ी वजह बनी।
मृतक महिला के पति ताराचंद ने इस संबंध में बताया, "हमने पुलिस को दो- तीन बार FIR लिखवाई थी लेकिन उन्होंने कोई कारवाई नहीं की। यदि करती तो आज मेरी पत्नी की जान नहीं जाती।"
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वहीं, मृतक महिला की सास ने बताया कि रुपयों को वापस देने के लिए वे लोग आनकानी करते हुए आये दिन गली गलौच और मारपीट करते थे। उन्होंने कहा, "घटना के दिन 15 से 20 लोग झगड़ने आये थे और उन्होंने ही पेट्रोल छिड़कर कर आग लगा दी। उनमे कई महिलाए भी शामिल थीं।"
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पुलिस पर सवाल
इस पूरे मामले में सवाल पुलिस पर भी उठ रहे हैं। क्योंकि मई महीने से लेकर अब तक मृतक टीचर अनीता रेगर ने अपने रूपये वापस नहीं देने और मारपीट का आरोप लगाते हुए उन दबंगों के खिलाफ दो बार पुलिस में FIR दर्ज करायी थी।इसके अलावा स्थानीय पुलिस के कारवाई नहीं किए जाने से परेशान होकर वह अपने गाँव रायसर से करीब 80 किलोमीटर दूर जयपुर शहर में स्थित DGP के दफ्तर तक अपनी फ़रियाद लेकर पहुँच गई, और उस दिन भी अपनी जान को ख़तरा बताया था।
लेकिन स्थानीय पुलिस के मामले को बेहद ही हलके में लिए जाने के चलते सरे आम और दिन दहाड़े मासूम बच्चों के सामने पेट्रोल छिड़कर जला देने या कहे की इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना 10 अगस्त को हो ही गई।हालांकि पुलिस इस मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से यह कहते हुए इनकार कर रही है की उसने इस महिला के FIR पर कारवाई करते हुए दोनों ही बार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।