जयपुर: पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान (Rajasthan) में हजारों पशुपालकों के लिए संक्रामक गांठदार त्वचा रोग मुसीबत बन गया है। यहां लगभग 1,200 मवेशी (विशेष रूप से गायों में) इस बीमारी से मर चुके हैं। ये बीमारी इस क्षेत्र में तेज गति से फैल रही है। पाकिस्तान के रास्ते भारत में घुसा यह खतरनाक और संक्रामक वायरस लगातार जानवरों की मौत की वजह बन रहा है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब, सिन्ध और बहावलनगर के रास्ते से भारत में लंपी बीमारी की एंट्री हुई है। वहीं राजस्थान में लंपी बीमारी से अब तक करीब 1200 गायों और मवेशियों की मौत हो चुकी है। वहीं अकेले जोधपुर जिले में पिछले 2 हफ्तों में 254 मवेशियों की मौत का कारण लम्पी बीमारी को माना जा रहा है।
हालांकि गायों की मौत होने के बाद पशुपालन विभाग पूरी तरह से एक्टिव मोड में है लेकिन इसका प्रभावी उपचार नहीं होने के कारण पशुपालकों को कोई राहत नहीं मिल रही है। वहीं तेजी से फैल रही इस संक्रामक बीमारी के बाद केंद्र की एक टीम सोमवार को प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। बता दें कि पश्चिमी राजस्थान के 6 जिले जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर और बीकानेर के अलावा नागौर जिले में यह संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है जहां पशुपालकों की रातों की नींद उड़ी हुई है।
लम्पी का क्या है लक्षण
भारत में सबसे पहले यह बीमारी साल 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं है, इसलिए लक्षणों के आधार पर दवा दी जाती है। लम्पी त्वचा संबंधी बीमारी (पुरे शरीर पर गांठ) के संक्रमण में आने के बाद पशु दूध देना कम कर देते हैं। ऐसे में बहुत से परिवार जिनकी जीविका दूध उत्पादन से चल रही थी, उनके सामने परेशानी खड़ी कर दी है। बीमारी के जानकार बताते हैं कि जानवरों की इस बीमारी से पशुपालकों में खौफ बना हुआ है।
मेडिकल टीम करेगी प्रभावित इलाकों का दौरा
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बीमारी की रोकथाम के लिए रविवार को अधिकारियों के साथ एक रिव्यू बैठक ली। जिसके बाद उन्होंने बताया लम्पी बीमारी से बचाव के लिए पशु चिकित्सक लक्षणों के आधार पर इलाज कर रहे हैं। मंत्री लालचन्द कटारिया का कहना है कि सोमवार को केंद्र से स्पेशियलिस्ट मेडिकल टीम प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। वहीं लम्पी बीमारी से प्रभावित जिलों के साथ ही जयपुर हेडक्वार्टर पर सरकार ने एक कंट्रोल रूम बनाने को कहा है।