Raghav Chadha Government Bungalow: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को उनके सरकारी बंगला खाली करने पर रोक लगाने संबंधी याचिका स्वीकार कर ली। इस तरह फिलहाल राघव चड्ढा को अपना सरकारी बंगला खाली नहीं करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति अनुप जे भंभानी ने निर्देश दिया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित पूर्व स्थगन आदेश बहाल रहेगा।
यह तब तक लागू रहेगा जब तक ट्रायल कोर्ट अंतरिम राहत के लिए चड्ढा के आवेदन पर फैसला नहीं कर लेता। स्थगन आदेश में राज्यसभा सचिवालय को इस बारे में निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति भंभानी ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय ‘सरकार’ से एक अलग संस्था है और इसलिए नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 80 चड्ढा के मुकदमे पर लागू नहीं होती है।
एक्स पर एक पोस्ट में राघव चड्ढा ने लिखा- ”यह लड़ाई किसी घर या दुकान की नहीं है, यह संविधान बचाने की लड़ाई है।” इस आवंटन को रद्द करना राजनीतिक प्रतिशोध का मामला था, जिसका उद्देश्य एक युवा, मुखर सांसद को चुप कराना था। विपक्षी आवाजों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।” चड्ढा ने एक बयान में कहा- “मेरे दूसरे भाषण के बाद एक सांसद के रूप में मेरी सदस्यता निलंबित कर दी गई।
Ye makan ya dukan ki nahin, Samvidhan ko bachane ki ladhayi hai
In the end, truth and justice have prevailed---विज्ञापन---My statement on the Hon'ble Delhi High Court's ruling to set aside the unjust order to evict me from my official residence. pic.twitter.com/fA7BJ2zLYm
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) October 17, 2023
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सांसदों को इस बात की चिंता है कि स्पष्ट और ईमानदार भाषण की कीमत चुकानी पड़ेगी।” ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चड्ढा को आवंटन रद्द होने के बाद भी राज्यसभा सांसद के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा जारी रखने का अधिकार नहीं है।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट भी राघव चड्ढा के मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। जिसमें उन्होंने राज्यसभा से उनके निलंबन को चुनौती दी है। चड्ढा को कथित तौर पर अन्य सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने और उनकी सहमति के बिना एक समिति के लिए उनके नाम प्रस्तावित करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। अदालत ने राज्यसभा सचिवालय को आरोपों का समाधान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से सहायता का भी अनुरोध किया है। मामला 30 अक्टूबर को फिर से शुरू किया जाएगा।
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