पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने बुधवार को आरजेडी नेताओं पर सीबीआई रेड के बाद भाजपा पर तीखा निशाना साधा है। खबरों के मुताबिक सीबीआई की यह कार्रवाई “नौकरियों के बदले जमीन” घोटाले के सिलसिले की गई है।
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सीबीआई ने खासतौर पर राजद एमएलसी सुनील सिंह और तीन सांसदों अशफाक करीम, फैयाज अहमद और सुबोध रॉय से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की है।
गौरतलब है कि इस मई में, सीबीआई ने "रेलवे की नौकरी के बदले भूमि" मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी और बेटियों सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया था।
राबड़ी देवी ने कहा, "वे (भाजपा) डरे हुए हैं क्योंकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। भाजपा को छोड़कर सभी दल हमारे साथ हैं। राज्य में हमारे पास बहुमत है और हम डरेंगे नहीं, क्योंकि यह पहली बार नहीं है।"
राजद ने छापेमारी के समय पर भी सवाल उठाया है। बता दें कि नवगठित बिहार सरकार को बुधवार को ही विधानसभा के पटल पर विश्वास मत का सामना करेगी।
छापेमारी को लेकर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि छापेमारी पार्टी के विधायकों को डराने-धमकाने के उद्देश्य से की गई। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, "यह कहना बेकार है कि यह ईडी या आईटी या सीबीआई की छापेमारी है, यह भारतीय जनता पार्टी की छापेमारी है। वे अब भाजपा के अधीन काम करते हैं, उनके कार्यालय भाजपा की स्क्रिप्ट के साथ चलते हैं। आज फ्लोर टेस्ट है। (बिहार विधानसभा में) और यहां क्या हो रहा है? यह अनुमान के मुताबिक हो गया है।"
राजद एमएलसी और बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड के अध्यक्ष सिंह ने कहा, "यह जानबूझकर किया जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है। वे यह सोचकर ऐसा कर रहे हैं कि डर से विधायक उनके पक्ष में आएंगे।" (BISCOMAUN) जिनके घर पर आज छापेमारी की गई।
बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा के पटल पर विश्वास मत का सामना कर रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने के बाद बिहार के सीएम के रूप में पद छोड़ दिया था और राजद के साथ हाथ मिला लिया था। जदयू के राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद उन्होंने रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
ये है मामला
गौरतलब है कि इस मई में, सीबीआई ने "रेलवे की नौकरी के बदले भूमि" मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी और बेटियों सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया था। सीबीआई ने मई में दिल्ली और बिहार में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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सीबीआई ने जुलाई में भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे।
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