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ये है दुनिया की सबसे बड़ी रसोई; जहां रोज एक लाख लोगों को परोसे जाते हैं लजीज व्यंजन

अमृतसर: रसोईघर हर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है, जहां परिवार के लोग मिल बैठकर खाना पकाते और खाते हैं। इसके अलावा बाजारों या बड़े-बड़े माल में रेस्टोरेंट, फूड स्टॉल, होटल में भी रसोई होती है, जहां लोग पैसा देखकर खाना खरीदकर खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया में एक ऐसी […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Aug 25, 2023 20:26
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अमृतसर: रसोईघर हर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है, जहां परिवार के लोग मिल बैठकर खाना पकाते और खाते हैं। इसके अलावा बाजारों या बड़े-बड़े माल में रेस्टोरेंट, फूड स्टॉल, होटल में भी रसोई होती है, जहां लोग पैसा देखकर खाना खरीदकर खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया में एक ऐसी रसोई भी है, जहां हर रोज लाखों लोगों के लिए खाना बनता है। खाना भी फ्री में मिलता है। इस रसोई से रोज करीब एक लाख लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है।

  • अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर की रसोई है दुनियाभर में प्रसिद्ध; श्रद्धालु हाथ पसार कर ग्रहण करते हैं रोटी

हम बात कर रहे हैं, पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित दुनियाभर में मशहूर स्वर्ण मंदिर की रसोई की, जहां गुरु रामदास लंगर हाल में हर रोज खाना बनता है और हर रोज लाखों श्रद्धालु लंगर चखते हैं। स्वर्ण मंदिर की रसोई में शुद्ध शाकाहारी खाना बनाया जाता है। यहां लोग 24 घंटे किसी भी वक्त खाना खा सकते हैं। खास बात यह है कि इस रसोई में आया कोई व्यक्ति भूखा नहीं जाता। किसी भी धर्म, जाति का व्यक्ति यहां गर्म-गर्म खाना खाकर अपना पेट भर सकता है। एक मिनट के लिए भी यहां सेवा रुकती नहीं है। कतार में बिठाकर खाना खिलाया जाता है। श्रद्धालु हाथ पसार कर रोटी ग्रहण करते हैं। खाने में क्या बनेगा, यह एक दिन पहले तय हो जाता है।

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लोग फ्री सेवा करते, कमाई का हिस्सा देते

गुरुद्वारा में माथा टेकने आने वाले लोग इस फ्री लंगर सेवा में सहयोग भी करते हैं। बहुत से लोग यहां रोज आकर सेवा करते हैं। कुछ लोग इस फ्री रसोई की सेवा को ही समर्पित हैं। देश-विदेश में बसे सिख परिवार इस फ्री लंगर सेवा में आर्थिक सहयोग करते हैं। वे अपनी कमाई का एक हिस्सा इस लंगर सेवा को अर्पित करते हैं, जिससे खाना बनाने के लिए सामान खरीदा जाता है।

ऑटोमैटिक मशीन में बनती हैं रोटियां

स्वर्ण मंदिर की रसोई में एक श्रद्धालु ने रोटियां बनाने के लिए ऑटोमेटिक मशीन डोनेट की थी। इस मशीन से महिला श्रद्धालु एक घंटे में इतनी रोटियां बना लेती हैं कि हजारों लोग एक बार में बैठकर लंगर चख सकते हैं। 60 मिनट में 25 हजार रोटियां इस मशीन से बनाई जा सकती हैं। इसके अलावा इतने बड़े-बड़े कड़ाहे हैं कि उनमें एक बार में 7 क्विंटल सब्जी बनाई जा सकती है।

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Aug 25, 2023 08:24 PM

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