Supreme Court Reprimanded Punjab Govt: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के सहायता प्राप्त कॉलेज पेंशन लाभ योजना वाले केस की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार की सख्त शब्दों में आलोचना की है। साथ ही, कोर्ट ने पंजाब सरकार को ‘बेशर्मी’ वाले बयान के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा को कोर्ट के पिछले आदेशों को लागू करने में विफल रहने और आधिकारिक आश्वासनों से मुकरने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने केएपी सिन्हा को चेतावनी देते हुए राज्य की इस स्थिति को सुधारने या फिर जिम्मेदारों के खिलाफ अवमानना को लेकर कार्रवाई करने को कहा है।
Very strict orders by the Supreme Court of India qua senior Punjab Government officers were passed today.
---विज्ञापन---The lacklustre and lackadaisical defence by state law officers often places senior IAS officers in an exceedingly embarrassing situation.
Time to clean up the AG Office,… pic.twitter.com/lgL6fC02fi
---विज्ञापन---— KBS Sidhu, ex-IAS 🇮🇳 (@kbssidhu1961) March 5, 2025
ये कोर्ट को धोखा देने जैसा है: बेंच
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने बुधवार को पंजाब प्राइवेटली मैनेज्ड ऐडेड कॉलेज पेंशन स्कीम 1996 का फायदा कुछ कर्मचारियों को देने की मांग के केस की सुनवाई की। पंजाब सरकार की तरफ से मुख्य सचिव केएपी सिन्हा कोर्ट में वर्चुअली पेश हुए। इस केस को लेकर केएपी सिन्हा ने कोर्ट को तर्क दिया कि कोर्ट के सामने अपने वकीलों की तरफ से दिए गए बयान सरकार को बाध्य नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह एक ‘कार्यकारी’ द्वारा दिया गया बयान था। बेंच ने कहा कि ये कोर्ट को धोखा देने जैसा है।
इस पर कोर्ट ने केएपी सिन्हा को कोर्ट के सवालों का सही तरीके से जवाब देने में विफल रहने के लिए सख्त शब्दों में फटकार लगाई। बेंच ने यह भी कहा कि ये कोर्ट को गुमराह करने का काम किया जा रहा है।
हम और समय नहीं दे सकते: बेंच
बेंच ने कहा कि कोर्ट को बार-बार वादा (वचन) किया गया। फिर बेशर्मी से कहा गया कि विधि अधिकारी का बयान सरकार को बाध्य नहीं कर सकता। यह सरकार की ओर से किया गया बेशर्मी भरा काम है। क्या आप इसे उचित ठहरा सकते हैं? यह सरकार द्वारा किया गया किस प्रकार का वादा है?
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इसके बाद बेंच ने पंजाब सरकार से इस बारे में स्पष्ट जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि कोर्ट हम और समय नहीं दे सकते। पंजाब राज्य इतना शक्तिशाली है कि वह कहता है कि उसके विधि अधिकारियों के बयान महज कार्यपालिका के बयान हैं। अवमानना नोटिस जारी करेंगी। अब आप बताइए कि कोर्ट किसके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करें? बार-बार अंडरटेकिंग दी जा रही है। कोर्ट सिन्हा से पूछा कि उन्हें नोटिस जारी किया जाए या फिर वह अधिकारी का नाम बताइएंगे?
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि क्या वह पिछले न्यायिक आदेशों के अनुसार पंजाब सरकार पेंशन लाभ प्रदान करेगी? बस हमें हां या ना में जवाब दें। वरना हम रिकॉर्ड करेंगे कि आप जवाब देने से इनकार कर रहे हैं।