HC Directs Punjab Private Schools Reserve 25% Seats For EWS: पंजाब के सभी प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटें EWS (कमजोर एवं वंचित पृष्ठभूमि) बच्चों के लिए आरक्षित करनी होंगी। दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ये निर्देश पंजाब के सभी प्राइवेट स्कूलों समेत नॉन-ऐड मान्यता प्राप्त स्कूलों को दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त निर्देश देते हुए आने वाले 2025-26 सेशन में इस फैसले का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
अधिनियम ही मान्य होगा
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस एचएस ग्रेवाल की बेंच ने कहा कि कानून की व्याख्या के सिद्धांतों से यह तय है कि वैधानिक नियमों और अधिनियम के बीच टकराव की स्थिति में, अधिनियम ही मान्य होगा। यह आदेश 19 फरवरी को पारित किया गया था। वहीं इससे जुड़ी सारी जानकारी मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
हाई कोर्ट का निर्देश
बेंच ने अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश देते हुए कहा कि पंजाब के सभी प्राइवेट और गैर-सहायता मान्यता प्राप्त स्कूलों के कक्षा 1 में 25 प्रतिशत सीटें EWS के बच्चों के लिए आरक्षित की जाएंगी। इन सीटों को सिर्फ स्कूल के आस-पास रहने वाले कमजोर वर्गों और वंचित समूह के बच्चों के एडमिशन से भरा जाएगा, ताकि इन बच्चों को भी फ्री में अच्छी शिक्षा मिल सके। कोर्ट ने ये निर्देश बच्चों के मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत दिया है।
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लॉटरी के होगा एडमिशन
पंजाब के नियम के अनुसार, EWS छात्रों को पहले सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदन करना चाहिए। वे प्राइवेट स्कूलों में आरक्षित सीटों के लिए तभी आवेदन कर सकते हैं, जब सरकारी स्कूलों में कोई सीट उपलब्ध न हो। वहीं प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों का एडमिशन लॉटरी के द्वारा किया जाएगा।