अमित पांडे
Punjab Excise Department Dog Squad For Liquor Smuggling: पंजाब के आबकारी विभाग नकली और अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए कुछ ऐसा करने जा रहा है जो पूरे देश में पहली बार होगा। दरअसल, पंजाब का आबकारी विभाग नकली और अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए डॉग स्क्वायड बनाने जा रहा है। इस डॉग स्क्वायड के कुत्तों की मदद से विभाग ये पता लगाना आसान हो जाएगा कि नकली शराब कहा बन रही हैं या फिर किन गाड़ियों से इनकी तस्करी की जा रही है। चेकिंग के दौरान भी यह डॉग स्क्वायड मौके पर मौजूद रहेंगे। इसके लिए सबसे पहले 3 डॉग की एक टीम बनाई गई है जिसको 12 हैंडलर चलाएंगे इन डॉग्स को 3 महीने ट्रेनिंग दी गई है।
डॉग्स स्क्वायड की ट्रेनिंग
पंजाब के वित्त मंत्री और एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम डेराबस्सी में स्थित पंजाब डॉग्स स्क्वायड की ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे वहां पर उन्होंने देखा कि किस तरह से यह डॉग छुपाए गए कच्ची शराब को ढूंढ निकालते हैं।
सरकार ने क्यों लिया डॉग्स स्कॉड बनाने का फैसला
न्यूज 24 से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जहां भी पंजाब में लोग अवैध तरीके से शराब बनाते हैं और उसे खेतों या जमीन के नीचे दबा देते हैं। उसको निकालने में समय लगता है और कई बार तस्कर भाग जाते हैं। ऐसे में सरकार ने डॉग्स स्कॉड बनाने और उन्हें खरीदने का फैसला किया। ताकी तस्करों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। कई बार देखने को मिला है कि नकली शराब पीने से लोगों की जान चली जाती हैं तो उसे रोकने के लिए हमने कदम उठाया है।
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वित्त मंत्री हरपाल सिंह जीवन ने कहा कि आने वाले दिनों में इस स्क्वायड को विभाग में शामिल किया जाएगा और सरकार की कोशिश रहेगी कि आने वाली दिनों में नकली शराब और तस्करी को पूरी तरह से खत्म कर दें।
डॉग्स स्कॉड पर लाखों का खर्चा
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अभी तीन डॉग्स और 12 हैंडलर की जो टीम है उसे उसे पर सालाना लगभग 40 से 50 लाख का खर्च आएगा जो की डिपार्मेंट देगा। इस डॉग स्क्वायड को ट्रेनिंग देने वाले न्यूटन सिद्धू ने बताया कि इन डॉग्स को 6 महीने की ट्रेनिंग दी गई है और यह Belgian Malinois ब्रीड की डॉग्स हैं, ये दिन में 8 घंटे काम कर लेती हैं। ट्रेनिंग के दौरान इन डॉग ने 3 लाख लीटर की नकली और कच्ची शराब पकड़े थे। इन डॉग्स को बहुत स्पेसिफिक ट्रेनिंग दी जाती है।
शराब की तस्करी
सिद्धू ने बताया की शराब की तस्करी पकड़ने के लिए पहली बार देश में इस तरह की कोई ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से भी इनके पास रिक्वेस्ट आई है लेकिन इन्होंने सबसे पहले पंजाब सरकार के लिए इस तरह का डॉग्स स्क्वाड बनाया है। ट्रेनिंग के दौरान कई सारे चैलेंज सामने आए क्योंकि हर इलाके की और हर दिन कच्ची शराब की जो स्मेल है वह बदलती रहती है ऐसे में एक्साइज विभाग ने हमारी मदद की। वह हमें लहान यानी की सैंपल लाकर देते थे और उसी के आधार पर हमने इन्हे ट्रेनिंग दी है।