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भगवंत मान सरकार की ऐतिहासिक पहल, अनाथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए की ये घोषणा

Punjab News: सरकारी बाल गृहों में रहने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिए भगवंत मान सरकार की ऐतिहासिक पहल करने जा रही है। ताकि अनाथलय में रहने वाले बच्चों को एक बेहतर भविष्य मिल सके।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 9, 2024 15:50
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Punjab News: प्रदेश की सरकार विकास के लिए लगातार अपने अथक प्रयास कर रही है। इसी में बाल गृहों में रहने वाले बच्चों का भविष्य सुधर सके, इसके लिए मान सरकार के नेतृत्व सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने सरकारी बाल गृहों और निरीक्षण गृहों/विशेष गृहों में रहने वाले बच्चों के भविष्य को आकार देने के लिए एक जरूरी कदम उठाते हुए चेन्नई स्थित एनजीओ नालंदावे फाउंडेशन के साथ साझेदारी की घोषणा की और विभाग ने समझौता ज्ञापन (MOU) पर सिग्नेचर किए।

छतबीर में शुरू की गई यह परियोजना कला-आधारित कल्याण पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य इन बच्चों के पुनर्वास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना बच्चों के लिए कला को चिकित्सा के रूप में उपयोग करने पर केंद्रित है, जिससे उन्हें अपने दर्दनाक अनुभवों से उबरने और ठीक होने में मदद मिलती है। बाल गृहों में ऐसे बच्चे रहते हैं जो यौन हिंसा के शिकार हैं या जिन्होंने माता-पिता को खो दिया है या जो कानून के साथ संघर्ष में हैं। ये बच्चे राज्य से विशेष सुरक्षा और सहायता के हकदार हैं।

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परियोजना का लक्ष्य

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब में अपनी तरह की यह पहली पहल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुरूप है। इस परियोजना का लक्ष्य पंजाब के सरकारी बाल देखभाल संस्थानों (CCI) में रहने वाले बच्चों को शामिल करना है, जिनमें देखभाल और सुरक्षा की ज़रूरत वाले और कानून के साथ संघर्ष करने वाले बच्चे शामिल हैं। इन बच्चों को 21वीं सदी के कौशल विकास, रोजगार प्रशिक्षण, करियर मार्गदर्शन, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और मजबूत करने के लिए शैक्षणिक सहायता के अवसर मिलेंगे।

डॉ. कौर ने इस बात पर जोर दिया कि हर बच्चे का एक सपना होता है, लेकिन राज्य द्वारा संचालित सीसीआई में पढ़ने वाले बच्चों को अनूठी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों को अपने भविष्य को आकार देने के लिए अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि उनमें से कई में छिपी हुई प्रतिभाएं होती हैं जिन्हें पोषित करने की जरूरत होती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और दिल्ली सीसीआई में अपने अनुभव के साथ नालंदावे फाउंडेशन इन बच्चों की भलाई को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एनजीओ बुनियादी साक्षरता कौशल में आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, जिसमें पढ़ना, लिखना शामिल है और सीसीआई के भीतर 6-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कैरियर परामर्श के लिए संक्रमणकालीन सहायता प्रदान करेगा।

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बच्चों के लिए घोषणा 

डॉ. बलजीत कौर ने पहले चरण में छह सरकारी बाल गृहों और पांच पर्यवेक्षण/विशेष गृहों में कला-आधारित कल्याण कार्यक्रम के विस्तार की घोषणा की। अगले चरण में चार सरकारी सहायता प्राप्त बाल गृहों को शामिल किया जाएगा। छतबीर चिड़ियाघर में दोपहर के भोजन के बाद विशेष दौरे के दौरान डॉ. कौर ने बच्चों से बातचीत की, जिनमें से प्रत्येक के पास एक दिल दहला देने वाली कहानी और बड़े सपने थे। 8वीं कक्षा की एक लड़की सेना में कैप्टन बनने की इच्छा रखती है, जबकि दूसरी नागरिक सेवा करने के लिए सरकारी अधिकारी बनने का सपना देखती है। लड़कों में से एक पुलिस में भर्ती होना चाहता है, जबकि दूसरा गायक बनना चाहता है। डॉ. कौर ने उनके भविष्य को आकार देने और 18 वर्ष की आयु के बाद उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

महिला एवं बाल विकास निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया और नालंदावे फाउंडेशन के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के लाभों को अधिकतम करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इस साझेदारी का उद्देश्य सीसीआई में रहने वाले बच्चों में मूल्यों को विकसित करना और कौशल-आधारित व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना है। नालंदावे के सीईओ श्रीराम वी ने मंत्री को कला-आधारित पहल के माध्यम से सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्त करने और पंजाब में सीसीआई में रहने वाले बच्चों के भविष्य को आकार देने का आश्वासन दिया। कैबिनेट मंत्री ने चिड़ियाघर परिसर में पौधारोपण भी किया तथा सभी से अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की अपील की।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Aug 09, 2024 03:50 PM

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