Punjab Liver Center, मोहाली: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेत्रत्व में सोमवार को पंजाब कैबिनेट की मीटिंग हुई। इसमें मोहाली में पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलियारी साइंस की स्थापना को लेकर मंत्रि मंडल ने बड़ा फैसला लिया। दरअसल, मान कैबिनेट ने मोहाली में इस लिवर सेंटर की स्थापना को मंजूरी दे दी है। बता दें, इस केंद्र पर करीब 59 करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। मंत्रि मंडल की बैठक में ये फैसला लोगों को लिवर और पित्त की बीमारियों के उपचार उपलब्ध कराने के उदेश्य से लिया गया है।
59 करोड़ रुपए का लिवर सेंटर
मुख्यमंत्री कार्यलय के एक प्रवक्ता ने बताया की इस फैसले का उद्देश्य राज्य को मेडिकल केयर और सुविधाओं और अधिक उभरना है। 59 करोड़ रुपए लगाकर बनाने वाला ये सेंटर सस्ते दामों पर लिवर से जुड़ी बीमारियों का बेहतर इलाज करेगा। इस सेंटर में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाए, परामर्श और उपचार सुविधाए मिलेगी। मंत्रि मंडल ने आगामी संस्थान में 484 अस्थायी पदों को भी इजाजत दे दी है, जिससे यह सुनिक्षित किया जा सके कि लोगों को इसका भरपूर लाभ कैसे मिले। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में कई और अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। जिसमें सरकारी स्कूलों में फ़ैकल्टी विजिटिंग की नियुक्त और अनुदान वितरण नीति शामिल है।
स्कूलों में फैकल्टी विजिटिंग की नियुक्ति
जानकारी के अनुसार कैबिनेट ने फैसला किया है कि पहले फेज में सरकारी स्कूलों में 117 फ़ैकल्टी विजिटिंग की नियुक्त की जाएगी। इसके बाद राज्य के अन्य स्कूलों में भी इन फ़ैकल्टी विजिटिंग को नियुक्त जाएगा। सरकार ने साफ तौर पर कहा कि जो भी व्यक्ति किसी भी सरकारी या निजी स्कूल और कॉलेज या विश्वविघालय से शिक्षण संकाय के रूप में नियुक्त हुए है, वे विजिटिंग रिसोर्स फ़ैकल्टी योजना के लिए योग्य है।
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इसके अलावा अनुदान वितरण नीति को भी मिली इजाजत
मुखमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों द्वारा अनुदान वितरण नीति को भी इजाजत दी है। इन निधियों का उपयोग मौजूदा बुनियादी ढांचे की नई मरम्मत और पर्यावरण सुधार समेत गरीबों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
नीति के मुताबिक, मुख्यमंत्री के पास 37 करोड़ रुपए होंगे, वहीं कैबिनेट ने पंजाब राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2023 की धारा ए, बी और सी, उपधारा (5) और उपधारा (6) के लिए उपधारा (2) में धारा 4 में सशोधन करने की इजाजत भी दे दी गई है।
बता दें, ये संशोधन राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 के खंडों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने के लिए हर साल संशोधन की जरूरत से बचने में सक्षम बनाएंगे।