समराला: पंजाब को भ्रष्टचार से मुकम्मल तौर पर मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर जनता से अपील की है। उन्होंने अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए प्रदेशवासियों से कहा कि रिश्वतखोरों के खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी।
सीएम मान ने तहसील दफ्तर और सुविधा केंद्र का औचक दौरा किया। इस मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि काम करवाने के बदले रिश्वत लेने की शिकायत सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रिश्वत मांगने वालों की शिकायत करने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन भी स्थापित की है और अब तक इस पर हासिल हुई शिकायतों के आधार पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ़ कार्यवाही की भी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘मैं आपसे अपील करता हूं कि यदि कोई भी आपके पास से रिश्वत मांगता है तो तुरंत हमें बताओ। ऐसे रिश्वतखोरों के खि़लाफ़ कार्यवाही करना हमारी जिम्मेदारी है। आपके सहयोग के साथ ही शासन को भ्रष्टाचार से मुकम्मल तौर पर मुक्त करना यकीनी बनाया जाएगा।’’
विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी विभागों की स्थिति में सुधार लाने के लिए बड़े स्तर पर यत्न कर रही है जिससे लोगों को प्रशासनिक सेवाएं हासिल करने में किसी किस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि 70 सालों की उलझी हुई व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है जिस कारण कुछ समय बाद बड़े सुधार देखने को मिलेंगे।
गैर-कानूनी कॉलोनियों के बारे पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी परिवार को बेघर नहीं करेंगे और सरकार इन कॉलोनाईजऱों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की गलतियाँ और मनमानियों का प्रभाव इन लोगों पर नहीं पडऩे देंगे।
धान की चल रही खरीद पर संतोष ज़ाहिर करते हुये भगवंत मान ने कहा कि फ़सल की खरीद के लिए किये गए योग्य प्रबंधों के कारण इस बार किसानों को किसी किस्म की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और पहली बार हुआ कि कुछ घंटों के अंदर ही किसानों के खातों में अदायगी हो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों से धान का एक दाना भी पंजाब में आने नहीं दिया जिस कारण खरीद प्रक्रिया सुचारू ढंग से चल रही है। यहां तक कि एक्ट में अपेक्षित व्यवस्था करके धान की ढुलाई के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों को भी बरतने की इजाज़त दी गई है।
पराली जलाने से होते प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराने पर सख़्त शब्दों में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने का मुद्दा अकेले पंजाब का नहीं बल्कि उत्तरी भारत का मसला है परन्तु केंद्र सरकार पंजाब के मेहनतकश किसानों को कसूरवार ठहरा कर घटिया स्तर की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पराली जलाने का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे थे परन्तु इन प्रस्तावों पर बिना कोई विचार किये रद्द कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में ए. सी. कमरों में बैठे हुए लोगों को ज़मीनी हकीकतों को नहीं समझते जिस कारण यह मसला हल करने के लिए सहृदय यत्न नहीं किये जा रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हवा के गुणवत्ता सूचक अंक में अधिक प्रदूषण वाले शहरों में हरियाणा के फरीदाबाद और चरखी दादरी का नाम भी आता है परन्तु कसूरवार सिर्फ़ पंजाब को ठहराया जा रहा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से माँग की कि सांझे मसले को सांझी जिम्मेदारी के साथ ही सुलझाया जा सकता है। किसी एक राज्य को जिम्मेदार बता कर मसले का हल नहीं होना।
इस दौरान भगवंत मान ने तहसील दफ़्तर और सुविधा सेंटर का दौरा करके मुलाजिमों और उपस्थित लोगों के साथ बातचीत की और सरकार की तरफ से प्रदान की जा रही प्रशासनिक सेवाओं के बारे जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए कि जमीन की तक्सीम आदि के बारे निष्पक्ष ढंग से फैसला लिया जाए जिससे सभी पक्षों के लिए इंसाफ यकीनी बनाया जा सके।
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